


समाचार-गढ़ 2 फरवरी 2021।
☝️ कब्ज के दो रूप है पहला रूप है जिसमें व्यक्ति बराबर शौच के लिए जाता है और मल निकलता है और उसे महसूस नहीं होता की कब्ज है फिर भी आंतों में मल का एक भाग चिपका रह जाता है व सड़ान पैदा करता है व कब्ज कहलाता है ।
☝️ दूसरा कब्ज का रूप है जिसमें मल निकलता नहीं ,पेट साफ नहीं होता और आंतों में मल भरा रहता है, शरीर में बेचैनी बनी रहती है और सुस्ती आलस्य लगा रहता है भूख नहीं लगती तमाम प्रकार की विकृतियां सताती है । प्रथम प्रकार के कब्ज का एकमात्र उपाय 3 दिन यानी ७२ घंटे के लिए उपवास है । जिसमें अन्न, दूध ,दही, साग, सब्जी सब बंद करके केवल तरल पदार्थ लेते हैं । नींबू का पानी, मुसम्मी का रस, संतरे का रस, अनार का रस और ज्यादा हिम्मत वाला व्यक्ति है तो केवल जल पर 72 घंटे का उपवास कर सकता है आवश्यकता पड़ने पर थोड़ा थोड़ा गुनगुना मौसम और प्रकृति के अनुकूल सादा जल पीता रहे और विश्राम करें इस उपवास के दौरान किसी प्रकार की कोई भी योग व्यायाम आदि नहीं किया जाता केवल विश्राम किया जाता है हल्का-फुल्का टहला जाता है इससे 72 घंटे में शरीर की जीवनी शक्ति को सफाई का अवसर मिलता है व आंतों में चिपका मल आंतों को उसी तरह छोड़ देता है । जिससे नाली में पानी डालना बंद करो की दिवालों पर चिपकी काई पपडी बनकर दिवाल को छोड़ देती है ऐसे ही आंतों को मल छोड़ देता है ।
👉इस दौरान अगर गैस बनती है ,शौच की इच्छा होती है हल्की-फुल्की और लगती नहीं तो हल्की पानी की थोड़ी एनिमा दी जा सकती है ताकि मलाशय में छुटा हुआ मल व वायु शरीर के बाहर हो जाए । अकसर 72 घंटे में आंतें साफ हो जाती है । फिर आप धीरे-धीरे फल, सलाद, कच्ची सब्जियां आदि सब भोजन में अधिक मात्रा में लें, हरी सब्जियां ,मोटे आटे की रोटी लेकर धीरे-धीरे आहार बढाते हुये हफ्ते भर में थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते हुये सामान्य आहार पर आ जाए ।फिर भूख से कम खाएं आपका कब्ज चला जाएगा ।
👉इसके लिए सहायक उपचार है इन दिनों में जब आप उपवास रखे उन दिनों में प्रातः काल पेड़ू पर मिट्टी की पट्टी या थैली में डालकर ठंडे पानी का सेक या प्लास्टिक थैली में पानी व बर्फ डालकर के बर्फ का शेक नाभि के नीचे पैडू पर लगाना चाहिए । अगर रोगी की प्रकृति कफ प्रधान है सर्दी, जुकाम ,कफ ,खांसी, रहता है तो वह नाभि के ऊपर गर्म व नाभि के नीचे ठंडा सेक एक साथ रख ले ताकि ठंडक ऊपर पहुंचकर फेफड़ों में तकलीफ न दे । इससे कब्ज से उत्पन्न सारी समस्यायें समाप्त हो जाएगी और कब्ज है धीरे धीरे दूर हो जायेगा । आंते सक्रिय होकर काम करने लगेगी और कब्ज से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाएगी । लेकिन इसमें विशेष ध्यान ये रखना है कि उपवास के बाद आहार क्रम को धीरे धीरे बढ़ाना है और भूख से अधिक किसी कीमत पर न खाएं ,अतिरिक्त गरीष्ठ इधर-उधर के सामान बिलकुल न खायें और बिना आवश्यकता के तो बिलकुल न खायें तो जीवन भर आपकी आंते साफ हो करके कब्ज से आप को मुक्त रखेगी ।
परहेज
एक बार कब्ज से मुक्ति पाने के बाद इन चीजों का प्रयोग जीवन में किसी कीमत पर ना करें
यह सब कब्ज पैदा करती है, अग्नि को मंद करती है, आंतों की कार्य क्षमता को घटाती है नहीं तो पुन: कब्ज बन जाएगा । चाय ,कॉफी, बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, मैदे की बनी रोटियां, ब्रेड ,डबल रोटी, टोस्ट आदि व फ्रिज का रखा हुआ सामान प्रयोग ना करें ।
