जमीन घोटाले का बड़ा खुलासा: मर चुके लोग ‘हाजिर’ होकर कर गए रजिस्ट्री
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। लखासर रोही खसरा नंबर 187 में 16.72 हेक्टेयर जमीन को फर्जीवाड़े से बेच दिया गया, जबकि जमीन के चार हिस्सेदार—डालचंद बोथरा (निधन 29 जून 2013), मूली देवी (निधन 31 जनवरी 1996), जीवराज (निधन 16 मार्च 1994) और चम्पालाल बोथरा (निधन 10 दिसम्बर 2003) —सालों पहले ही मर चुके थे। असली वारिस जितेंद्र कुमार बोथरा निवासी श्रीडूंगरगढ़ ने जमाबंदी में जमीन बिकने की जानकारी देख मामला उजागर किया। फर्जी बेचान में प्रथम दृष्टया क्रेता लिछमण सिंह पुत्र भंवरसिंह राजपूत, निवासी कोलासर, श्रीकोलायत, बीकानेर का नाम सामने आया है। वहीं गवाह बने चंद्रप्रकाश पंचारिया, निवासी कोलायत व हीरालाल पड़िहार, निवासी बीकानेर ने मृतकों को “जिंदा” दिखाकर साक्षी बने। उप पंजीयक कार्यालय श्रीडूंगरगढ़ में 11 नवम्बर को रजिस्ट्री बिना लेखक के नाम व हस्ताक्षर के दर्ज कर दी गई, जिससे विभागीय लापरवाही के आरोप गहरा गए हैं। विधायक ताराचन्द सारस्वत ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और एफआईआर की मांग की है। एसडीएम शुभम शर्मा ने लिखित शिकायत पर प्राथमिक जांच और FIR की बात कही है, जबकि तहसीलदार श्रीवर्द्धन शर्मा ने पंजीयन प्रक्रिया में और सख्ती बरतने की बात कही।










