समाचार गढ़, 10 जून, श्रीडूंगरगढ़। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली प्रवास पर हैं. 9 जून को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. वहीं शपथ ग्रहण समारोह के दूसरे दिन सीएम भजनलाल शर्मा ने अमित शाह, राजनाथ सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला जैसे बड़े नेताओं से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने अमित शाह से मुलाकात कर राजस्थान में लोकसभा चुनाव में सीटों पर हार का पूरा ब्यौरा दिया है. वहीं प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है।
बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने जो रिपोर्ट अमित शाह के पास पेश किया है. उसमें भजनलाल ने प्रदेश में हार के कारणों के बारे में अमित शाह को अवगत कराया है. इसमें हार के बड़े कारणों में राजस्थान में संगठन की निष्क्रियता को माना गया है।
राजस्थान में बदल सकता है बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष
सीएम भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे के बीच कई खबरें सामने आ रही है. इसमें कहा जा रहा है कि राजस्थान में सीएम पद पर फिलहाल किसी तरह के बदलाव की चर्चा नहीं हो रही है. हालांकि, राजस्थान में बीजेपी संगठन को मजबूत करने की दिशा में कवायद करने में जुट गई है। क्योंकि राजस्थान में बीजेपी के इतने सीटों पर हार कारण संगठन की निष्क्रियता को माना जा रहा है. वहीं राजस्थान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की चर्चा जोर शोर से हो रही है।
वैसे राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का पद सीपी जोशी संभाल रहे हैं। लेकिन संगठन को मजबूत करने के लिए बीजेपी आलाकमान इसमें कुछ बड़े बदलाव कर सकती है। इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरह से जाट, एससी-एसटी और राजपूत वोट बैंक खिसकी है. उसकी भरपाई करने लिए संगठन में कई बदलाव की ओर इशारा कर रही है।
माना जा रहा है कि राजस्थान में अब एससी-एसटी या राजपूत समाज से किसी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है. फिलहाल इस मामले में राज्यसभा सांसद मदन सिंह राठौड़, गजेंद्र गहलोत की चर्चा हो रही है। जबकि बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी, श्रवण सिंह बगड़ी और पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र राठौड़ के नाम की भी चर्चा काफी है. इसके साथ ही दलित चेहरे पर भी विचार किया जा सकता है।
बहरहाल, राजस्थान में बीजेपी ने मिशन 25 का अभियान लेकर चली थी। लेकिन पार्टी को महज 14 सीटें प्राप्त हुई। ऐसे में बीजेपी के अंदर हार के कारणों को तलाशा जा रहा है।