समाचारगढ़ 11 सितम्बर 2024 महातपस्वी आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी संघ प्रभा जी के सानिध्य में, मुमुक्षु बहन मानवी अंचलिया के दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथ भवन, मोमासर में हुआ। साध्वी संघ प्रभाजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांसारिक आकर्षणों को त्यागकर, युवा अवस्था में संन्यास ग्रहण करना एक कठिन मार्ग है। इस मार्ग पर चलने के लिए इंद्रियों और मन का संयम अत्यावश्यक है। तेरापंथ संघ में दीक्षा का अर्थ है गुरु चरणों में संपूर्ण समर्पण।
कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल के मंगल संगान से हुई। साध्वीवृंद ने “आ मानवी, अति मानवी, आ लागे घणी सुहावणी” गीत के माध्यम से कार्यक्रम को भावमय बना दिया। तेरापंथ सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक पटावरी ने संयम को आत्मिक विकास का महत्वपूर्ण साधन बताया।
दिक्षार्थिनी बहन मानवी अंचलिया ने अपने संबोधन में कहा कि मुनि दीक्षा, अहंकार से अर्हम बनने की महायात्रा है। साध्वी प्रांशु प्रभा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि दीक्षा का अर्थ है स्वयं की गहन समीक्षा। इस अवसर पर तेरापंथ समाज और सभी संस्थाओं ने आध्यात्मिक उपहारों से दिक्षार्थिनी बहन का अभिनंदन किया।