समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारीलाल महिया ने सोमवार को विधानसभा में शहीदों की याद में स्कूलों में मूर्तियां स्थापित करने में कानूनी बाधाएं आने के मुद्दे को उठाते हुए शहीदों की मूर्ति स्थापना के नियमों का सरलीकरण करने की मांग सरकार से की। विधायक महिया ने राजस्थान विधानसभा के नियम 295 के तहत प्रदेशभर के स्कूलों में शहीदों की मूर्ति लगाने में आ रही बाधाओं पर बोलते हुए कहा कि राजस्थान की वीर भूमि पर पैदा हुए अनेकों बेटों ने सीमाओं की रक्षा करते हुए शहादत दी हैं। मगर हमारी सरकारी तकनीकी पेचिदगीयों की वजह से जब उन शहीदों की याद में विद्यालयों में भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए शहीदों की प्रतिमाएं लगाने की बात करते हैं तो कई कानूनी बाधाएं बीच में आ जाती हैं। उन्होंने कहा कि नागौर जिले की कुचामन के पास परेवड़ी गांव में डाबला की ढाणी निवासी मोहनलाल सैन जो 1965 में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे, उनकी प्रतिमा भामाशाहों ने स्कूल में लगायी। ये शहीद की प्रतिमा 9 महीने से अपने कपड़े का आवरण हटाने का इंतजार कर रही है। लेकिन आज दिनांक तक उसका उद्घाटन नहीं हो पाया। अगर शहीदों की मूर्तियां लगाने के लिए परिजनों व ग्रामीणों को इतनी बाधाएं आएगी तो हम भावी पीढ़ी को उनके बलिदान से अवगत नहीं करवा पाएंगे।
विधायक महिया ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में शहीदों की याद में भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए शिक्षण संस्थाओं में जहां भी मूर्ति स्थापित की जाती है। वहां मूर्ति स्थापना का निर्णय लेने का पूरा अधिकार स्कूल की एसडीएमसी को दिया जावें। ताकि लंबी प्रक्रियाओं में शहीद के परिजनों व ग्रामीणों को उलझना नहीं पड़े और जहां भी हमारे बेटे, भाई शहीद हुए हैं, उनकी प्रतिमा तुरंत शिक्षण संस्थाओं में स्थापित की जा सकें।
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