समाचार गढ़, 12 जून, श्रीडूंगरगढ़। डायबिटीज के मरीजों के लिए सही डाइट लेना बहुत होता है। उनके डाइट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी उनके ऊपर हावी पड़ सकती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने रात के खाने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रात को ऐसे खानपान से बचना चाहिए, जिससे शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हो, जैसे कि चावल।
चावल के सेवन से बचने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि इसमें मौजूद उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स, ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के अलावा वजन बढ़ा सकता है और पाचन समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। रात में व्हाइट राइस के बजाय, ब्राउन राइस, क्विनोआ और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को चुनें। यहां, कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि डायबिटीज के मरीजों को रात में चावल क्यों नहीं खाना चाहिए?
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स
व्हाइट रासइ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, जिसका मतलब है कि यह जल्दी से पचता है और रक्त में शुगर की मात्रा को तेजी से बढ़ाता भी है। रात के समय मेटाबोलिज्म भी स्लो होता है, जिसकी वजह से हाई जीआई फूड्स खाने पर ब्लड शुगर लेवल में अधिक वृद्धि हो सकती है।
वजन बढ़ने का खतरा
व्हाइट राइस में कार्ब की मात्रा अधिक होती है। चावल में उच्च मात्रा में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से वजन बढ़ाने का खतरा भी बढ़ जाता है। वजन बढ़ना डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
चावल में फाइबर की कमी तो होती है, लेकिन शुगर लेवल बढ़ने की वजह से पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हाई डायबिटीज से लीवर डैमेज का खतरा भी बढ़ जाता है।










