समाचार गढ़ 3 सितम्बर 2024 महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या, साध्वी संघ प्रभा जी के सानिध्य में, ठाना 3 के साथ, पर्वाधिराज पर्यूषण का तृतीय दिवस मोमासर के तेरापंथ भवन में सामायिक दिवस के रूप में भव्यता से मनाया गया।साध्वी संघ प्रभा जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि भगवान महावीर ने सामायिक धर्म का महत्व बताया और इसके अंतर्गत संक्तव, श्रुत सामायिक, एवं चारित्र सामायिक के माध्यम से देश विरति श्रावक धर्म तथा सर्व विरति श्रमण धर्म की परिकल्पना की।
सामायिक में 48 मिनट तक सावद्य योग का त्याग किया जाता है, जिससे जीवन में समता की साधना होती है। साध्वी जी ने कहा कि जीवन में विषमता से बड़ा कोई दुख नहीं है, और समता से बड़ी कोई उपलब्धि नहीं होती।इस अवसर पर साध्वी प्रांशु प्रभा जी ने अभिनव सामाजिक का प्रयोग करवाते हुए, सामायिक के 32 दोषों का विवेचन कर श्रावक-श्राविकाओं को शुद्ध सामायिक करने का आह्वान किया। साध्वी विधि प्रभा जी ने आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा रचित “सुस्रावक कर लो सामायिक” से सुविशद कमाई के महत्व पर प्रकाश डाला।इस कार्यक्रम में मोमासर और आडसर के श्रावक-श्राविकाओं की सराहनीय उपस्थिति रही। कल वाणी संयम दिवस का आयोजन किया जाएगा।