बिग्गा में धधकते अंगारों पर अग्निनृत्य, श्रद्धालुओं ने लगाई धोक, मांगी मन्नतें
श्रीडूंगरगढ़ (रिपोर्ट ओमप्रकाश शर्मा ) यहां बिग्गा गांव में जसनाथजी आश्रम में हँसोजी महाराज लिखमादेसर के पाटवी शिष्य कुंपोजी व सोमोजी महाराज की जीवित समाधि स्थल पर शुक्रवार रात्रि को मेला व जागरण लगा। मेला में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने जसनाथजी मंदिर वह सती माता कालदे मंदिर में धोक लगाई लगाकर कुशलता की मन्नतें मांगी।
मेले में बाड़मेर,जैसलमेर,नागौर,चूरू,कतरियासर,रिड़ी,बरजांगसर,लिखमादेसर,बिग्गाबास रामसरा,अभयसिंहपूरा,श्रीडूंगरगढ, बैनीसर से काफी श्रद्धालु पहुंचे।
जसनाथी सम्प्रदाय के भक्तों ने सेड़ाबंद जात,झड़ोला संस्कार किए।
मेले में पहुचे यात्रियों के लिए पोकरनाथ, रुघनाथ सिद्ध जाखड़ परिवार द्वारा आए हुए यात्रियों के भोजन लिए निशुल्क भंडारा लगाया गया।जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।मेला के अवसर पर मंदिर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया।मेले में शुक्रवार रात्रि को परमहंस महंत सोमनाथ महाराज के सानिध्य में जसनाथजी महाराज का जागरण तथा महंत भंवरलाल ज्याणी के सानिध्य में धधकती अंगारों पर अग्निनृत्य हुआ।जागरण में सिद्ध मंडली द्वारा ओमकार राग में सबद गायन हुआ।कलाकारों ने जसनाथ द्वारा रचित सिम्भूधड़ो,कोड़ो,गोरखछन्दों और स्तवन रचनाओं का गायन किया।जागरण के दौरान बड़ी मात्रा में सूखी लकड़ी प्रज्ज्वलित कर खीरे बनाए गए।आग के धधकते अंगारों पर जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा अग्नि नृत्य किया।सफेद धोती,भगवा कुर्ता,सिर पर लाल पगड़ी पहने सिद्ध अनुयायियों ने धधकते अंगारों को मुंह में लेकर लोगों को अचंभित कर दिया।मेले में पहुंचे भामाशाहो का मंदिर कमेटी द्वारा जसनाथजी महाराज की तस्वीर भेंटकर सम्मान किया।जागरण मंच का संचालन पुरनाथ लंगा बाड़मेर ने किया।जसनाथ आश्रम मठ के परमहंस महंत प्रेमनाथ,योगी काननाथ ने सभी श्रद्धालुओं का आभार जताते हुए सुख समृद्धि की मंगलकामनाएं की।मंदिर में शनिवार को हवन हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने घी की आहुतियां देकर कुशलता की मन्नते मांगी।