दिनांक 18-02-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 18/02/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – बसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – फाल्गुन
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- त्रयोदशी रात्रि 19:58 बजे उपरांत चतुर्दशी
* वार- शनिवार
* नक्षत्र – 1 उत्तराषाढ सायं 17:37 बजे उपरांत 2 श्रवण
योग– 1 व्यतिपात रात्रि 19:31:12 बजे उपरांत 2 वरियान
* करण- 1 गर- 09:45:12 A.M 2 वणिज- 19:53:12 P.M.
3 विष्टि (भद्रा)- 30:01:12 P.M. 4 शकुनी
* चंद्र राशि – मकर
चंद्र बल -मेष, वृषभ,कर्क, सिंह,कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 07:12 A.M. सूर्यास्त – 06:24 P.M.
दिनमान – 11:12
रात्रिमान – 12:48 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:24 बजे से 01:12 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 07:12:00 से 08:36 बजे तक 2. सायं 05:00 से 06:24 बजे तक
3.रात्रि 06:24 से 08:00 तक
4.रात्रि 05:36 से 07:12 तक
गुलिक काल – प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.काल- प्रातः 07:12 से 08:36 तक(कालवेला निषेध)
2.शुभ-प्रातः 08:36 से 10:00 तक
3.रोग-प्रातः 10:00 से 11:24 तक
4.उद्वेग-प्रातः11:24 से 12:48 तक
5.चंचल-दोपहर 12:48 से 02:12 तक
6.लाभ-दोपहर 02:12 से 03:36 तक ( वार वेला निषेध)
7.अमृत-सायं 03:36 से 05:00 तक
8.काल- सायं 05:00 से 06:24 तक (कालवेला निषेध)
चौघड़िया ( रात्रि)
1.लाभ- रात्रि 06:24 से 08:00 तक (कालवेला निषेध)
2.उद्वेग-रात्रि 08:00 से 09:36 तक
3.शुभ-रात्रि 09:36 से 11:12 तक
4.अमृत-रात्रि 11:12 से 12:48 तक
5.चंचल-रात्रि 12:48 से 02:24 तक
6.रोग-रात्रि 02:24 से 04:00 तक
7.काल-रात्रि 04:00 से 05:36 तक
8.लाभ-रात्रि 05:36 से 07:12 तक (कालवेला निषेध)
पर्व विशेष– शनि प्रदोष, महाशिवरात्रि व्रत, सर्वार्थसिद्धि योग सायं 05:41बजे से
वार विशेष– यदि आपकी जन्मकुंडली या गोचर कुंडली में शनि ग्रह किसी भी प्रकार से पीड़ित है तो शनिवार के दिन थोड़े से गंगाजल अष्टगंध में जल मिलाकर स्नान करें।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721