सोनी परिवार द्वारा नेहरू पार्क में भागवत-कथा ज्ञानयज्ञ प्रारंभ
समाचारगढ़ 16 दिसंबर 2024 श्रीडूंगरगढ़। कालूबास के नेहरू पार्क में सोमवार से 22 दिसम्बर तक रेंवतमल, मुरलीधर, सत्यनारायण एवं विनीत सोनी (माहेश्वरी) परिवार की ओर से सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है।
भागवत कथा का मायड़भाषा राजस्थानी में सुधापान भगवती भद्रकाली शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर संत स्वामी शिवेन्द्र स्वरूपजी महाराज करवा रहे हैं। प्रथम दिवस की कथा में श्रीमद् भागवत के महात्म्य को सुनाते हुए युवा संत ने कहा कि जहाँ मनुष्येतर बाकी सभी जीवों की योनियां, भोग योनियां कहलाती हैं, वहीं मनुष्य की योनि योग योनि है, वह परमात्मा से योग करने का सामर्थ्य रखती है। आत्मतत्त्व का बोध कर वह अपने मनुष्य होने को सार्थक कर सकता है। मनुष्य को यह चिंतन अवश्य करना चाहिए कि उसका आत्म कल्याण कैसे होगा? उसे बोध इसलिए करना है, क्योंकि वह शाश्वत परमात्मा को विस्मृत कर गया है। आत्मबोध के अनेक मार्ग हैं, उनमें श्रीमद् भागवत श्रवण सर्वोत्कृष्ट मार्ग है। भागवत भगवान का वांग्मय विग्रह है।
भागवत के प्रारम्भ में ही परीक्षित ने सुखदेवजी महाराज से प्रश्न पूछा कि म्रियमाण व्यक्ति का क्या कर्तव्य है? वस्तुतः यह प्रश्न न केवल परीक्षित, बल्कि प्रत्येक जीव का है। जिसकी नियती ही मृत्यु को प्राप्त होना है, वह अपने कल्याणार्थ किस मार्ग का चयन करे? भागवत इस जिज्ञासा का समाधान प्रस्तुत करती है। आज गोकर्णोपाख्यान तथा भागवत सुनने और कहने के विधान तक की कथा सुनाई गई। प्रथम दिन की कथा में श्रोताओं से पांडाल पूरा भर गया। सोनी परिवार ने श्रोताओं के बैठने की बहुत उत्तम व्यवस्था की है। मंच संचालन डॉ० चेतन स्वामी ने किया।