अवैध हथियार लाइसेंस मामले में लापरवाही उजागर, जांच अधिकारी पर कार्रवाई
समाचार गढ़, 12 नवम्बर 2025, बीकानेर। आठ साल पहले नयाशहर पुलिस थाने में दर्ज हुए नागालैंड से जारी फर्जी हथियार लाइसेंस प्रकरण में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजी) ने जांच में लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर गोविन्द सिंह चारण को 16 सीसी की चार्जशीट थमा दी है।
यह मामला वर्ष 2017 में पुलिस परामर्श एवं सहायता केंद्र के तत्कालीन एएसपी सुरेन्द्र सिंह शेखावत की रिपोर्ट पर दर्ज हुआ था। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बीकानेर जिले के कई लोगों ने नागालैंड के जिलों से फर्जी तरीके से हथियारों के लाइसेंस बनवाए, और उन्हीं लाइसेंसों के आधार पर राजस्थान में हथियार खरीद लिए गए।
पुलिस ने इस मामले में 84 आरोपियों की सूची तैयार की थी, जिसमें हिस्ट्रीशीटर, आदतन अपराधी, भूमाफिया और रसूखदार लोग शामिल थे। प्रारंभिक जांच में 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने पाया कि जांच के दौरान मुख्य आरोपियों से उचित पूछताछ नहीं की गई और कई आवश्यक तथ्य अनदेखे छोड़ दिए गए। इसी आधार पर तत्कालीन नयाशहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गोविन्द सिंह चारण को लापरवाही का दोषी मानते हुए चार्जशीट दी गई है।
गोविन्द सिंह हाल ही में बीछवाल थाना प्रभारी पद पर कार्यरत थे, जिन्हें एसपी कावेन्द्र सिंह सागर ने 8 नवंबर को जारी आदेश में हटाकर डीएसबी प्रभारी नियुक्त कर दिया। माना जा रहा है कि यह तबादला चार्जशीट की कार्रवाई के बाद किया गया है।
गौरतलब है कि यह मामला वर्षों पहले एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को जांच के लिए भेजा गया था। जांच में पाया गया कि दीमापुर, जुन्हेबोटो और वोखा (नागालैंड) जिलों से बड़े पैमाने पर फर्जी हथियार लाइसेंस जारी किए गए थे।
दलालों के माध्यम से रिटेनरशिप पर दस्तावेज तैयार कर स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से लाइसेंस जारी कराए गए, जिनके जरिए राजस्थान में हथियारों की खरीद-फरोख्त हुई।
जैसे ही मुकदमा दर्ज हुआ और कार्रवाई शुरू हुई, कई आरोपी नागालैंड जाकर लाइसेंस सरेंडर करने या कोर्ट से स्टे लेने में जुट गए। माना जा रहा है कि लाइसेंस बनवाने वालों की वास्तविक संख्या 84 से कहीं अधिक है, जिसकी जांच अब भी लंबित है।










