समाचार गढ़, 22 जून, श्रीडूंगरगढ़। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और घंटों तक गलत पॉश्चर में बैठने से रीढ़ कमजोर होने लगी है। पहले तो यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ होती थी, लेकिन अब कम उम्र में ही लोगों को रीढ़ की हड्डी में दर्द या बैक पेन की शिकायत रहती है। WHO के अनुसार, 2050 तक पीठ के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित लोगों की संख्या 843 मिलियन होने का अनुमान है।
बता दें कि रीढ़ हमारे शरीर का सपोर्ट सिस्टम है। इस पर ही हमारे शरीर का पूरा भार टिका हुआ है। इसलिए इसका स्वस्थ और मजबूत होना बहुत जरूरी है। अगर आपको भी आए दिन पीठ या कमर में दर्द रहता है, तो पेन किलर के बजाय योग नमस्कार करना शुरू करें। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव ने इंस्टाग्राम पर योग नमस्कार से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है।
उन्होंने बताया है कि योग नमस्कार पीठ दर्द का बेजोड़ उपाय है। यह रीढ़ की हड्डी को इतना मजबूत बना देता है कि उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ खिसके नहीं। तो आइए जानते हैं क्या होता है योग नमस्कार, इसके फायदे और इस अभ्यास को करने का सही तरीका भी।
क्या होता है योग नमस्कार
योग नमस्कार एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है। यह कमर वाले हिस्से को जबरदस्त तरह से एक्टिव करता है। यह रीढ़ के साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाकर रीढ़ की हड्डी को टूटने से बचाने में भी सक्षम है। अगर आपको भी काफी सालों से पीठ में दर्द रहता है, तो योग नमस्कार की मदद से इसे दुरुस्त कर सकते हैं।
योग नमस्कार के फायदे
योग नमस्कार अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह रीढ़ के साथ ओवरऑल हेल्थ को भी फायदा पहुंचा सकता है।इसे करने से शरीर में संतुलन और स्थिरता आती है।यह योग आपकी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।रीढ़ के निचले हिस्से को एक्टिव रखता है।रीढ के आसपास कमजोर होने वाली मांसपेशियों को मजबूती देता है।
कैसे करें योग नमस्कार
स्टेप-1
योग नमस्कार करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को बराबर दूरी पर एक दूसरे से सामांतर रखकर खड़े हो जाएं।एक चीज पर ध्यान केंद्रित करें और नमस्कर करने के लिए अपनी हाथों को अपनी छाती के सामने मोड़ लें।सांस लें, हाथों को ऊपर ले जाएं, सांस छोड़ें और उन्हें पीठ के पीछे ले आएं।फिर सांस लें, हाथों के ऊपर लाएं, सांस छोड़ें और उन्हें अपनी छाती के सामने लाएं। इसे दो बार दोहराएं।
स्टेप-2
सांस लें और नमस्कार की पोजीशन वाले हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। एक बार हो जाने पर सांस छोड़ें। ऐसा करते समय अपने गले से आवाज निकालें और हाथों को फिर से गर्दन के पीछे ले जाएं। हाथों को फिर से ऊपर लाते हुए सांस लें और हाथों को छाती के सामने रखते हुए उतनी ही आवाज में सांस छोड़ें। ऐसा तीन बार करें।
स्टेप-3
सांस लें , हाथों को ऊपर ले जाएं। सांस छोड़ें और हाथों को गर्दन के पीछे ले जाएं। सांस लें, हाथों को ऊपर लाएं सांस छोड़ें और छाती के सामने लाएं।अब सांस लें और मुड़े हुए हाथों को अपने सामने और उंगलियों को बाहर की तरफ रखें। सांस छोड़ें और उन्हें वापस छाती पर ले आएं। तीन बार इसे दोहराएं।
स्टेप- 4
स्क्वाट पोजीशन में रहकर और हाथों को मोड़कर एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें। अब स्टेप 1 और स्टेप 3 को मिलाएं और सिक्वेंस को 3 बार दोहराएं।
स्टेप 5
सांस लें और हाथों को बाहर की ओर धकेलें। अपने घुटनों को जमीन से टच करें। आगे की तरफ झुकें, माथा जमीन पर रखें और बालासन की पोजीशन में आ जाएं। अपने हाथों को सिर के सामने फैलाएं। ध्यान रखें इस दौरान आपके अंगूठे और पहली उंगली त्रिकोण बनाकर एक दूसरे को छू रहे हों। तब तक इस स्थिति में रहें, जब तक की सांसें स्थिर न हो जाएं।
योग नमस्कार करते वक्त ध्यान रखें ये बातें
योग नमस्कार करने के दौरान आपको हल्के पेट होना चाहिए।इसका अभ्यास धीरे-धीरे और तालमेल के साथ करें।अगर आप क्रॉनिक डिजीज से जूझ रहे हैं, तो आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।कोई भी दर्द या परेशानी होने पर महसूस हो, तो रुक जाएं।जिन्हें हार्निया है या गर्भवती महिलाएं तीसरे या चौथे महीने में यह योग न करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।