समाचार गढ़, 27 सितम्बर। श्रीडूंगरगढ़ के राजकीय कन्या महाविद्यालय में एसएफआई छात्राओं ने शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर छात्राओं ने कॉलेज कैंपस में भगत सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें याद किया। एसएफआई ने भगत सिंह को एक महान दार्शनिक और क्रांतिकारी बताया, जिन्होंने जाति, धर्म, और ऊंच-नीच के भेदभाव का खुलकर विरोध किया था। एसएफआई का मानना है कि भगत सिंह ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत पर तीखे प्रहार किए थे। उन्होंने कहा था कि हम कुत्ते को रसोई में ले जा सकते हैं, लेकिन दलित इंसान को घर में प्रवेश नहीं करने देते। भगत सिंह के अनुसार, समाज का यह रवैया अमानवीय था। उनके लेखों और किताबों में रूसी क्रांति के प्रभाव का भी उल्लेख मिलता है एसएफआई ने कहा कि भगत सिंह को इस बात का अंदेशा था कि अंग्रेजों से तो आजादी मिल जाएगी, लेकिन पूंजीवादी शासकों के चलते आम जनता की स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा। उनका मानना था कि जब तक देश में समाजवाद की स्थापना नहीं होती, जनता की दशा नहीं सुधरेगी। आज की स्थिति को देखते हुए एसएफआई का कहना है कि भगत सिंह की चेतावनी आज भी प्रासंगिक है। छात्राओं ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि आजादी के 78 साल बाद भी भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं मिला है। एसएफआई के अनुसार, यह न केवल भगत सिंह का अपमान है, बल्कि देश के लिए भी शर्मनाक है। कार्यक्रम के दौरान सुमित्रा तूनगरिया, पूजा हुड्डा, गायत्री सिद्ध, सुमन ज्याणी, ममता तूनगरिया, तारा, सानिया सैनी, पूजा ओझा, सुमन बारूपाल, जशोदा सिद्ध, निर्मला मेघवाल, पूजा बारूपाल, तारामणि, साक्षी मौर्य, और ज्योति भार्गव सहित कई छात्राएं मौजूद रहीं।
एआई की निगरानी में महाकुंभ: गुमशुदा श्रद्धालुओं को जोड़ने की तकनीकी क्रांति
समाचार गढ़ 22 नवंबर 2024, प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है।…