श्रीडूंगरगढ़। सनातन मुक्ति धाम में आयोज्य शिव महाकथा के छठे दिवस की कथा सुनाते हुए भाई संतोष सागर ने कहा–स्त्री के लिए पातिवृत्य धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है। सदाचरण ही उसकी पूंजी है। पुरूषों को भी सदाचारी होना चाहिए। शिव और शक्ति की कथा स्त्री-पुरुष को जीना सिखाती है। हम सनातनी अपनी परंपराओं को भूलते जा रहे हैं, ऐसा ही माहौल रहा तो एक दिन हमारी सनातनी सर्वाधिक प्राचीन संस्कृति नष्ट हो जाएगी।
महाराज श्री ने गौधन बचाने की अपील करते हुए कहा कि इस काल में गोधन सेवा हमारे लिए अनिवार्य हो चुकी है। सोमवार की कथा के दौरान बीसों दानदाताओं ने गोसेवार्थ गौमाता भंडारा को राशि समर्पित की।
आज शिवरात्रि के दिन सप्त दिवसीय शिव कथा का समापन होगा, वहीं सम्पूर्ण रात्रि को रुद्राभिषेक का कार्यक्रम चलेगा। कथा के दौरान भव्य झांकियों का आयोजन किया गया। कथा के विश्राम से पहले महाराज श्री ने पूरे वर्ष भर चलनेवाली सनातन धर्म यात्रा के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक बताया। यह यात्रा राजस्थान के 33 जिलों में धार्मिक आयोजन करेगी।
एआई की निगरानी में महाकुंभ: गुमशुदा श्रद्धालुओं को जोड़ने की तकनीकी क्रांति
समाचार गढ़ 22 नवंबर 2024, प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है।…