कहीं बरसे, कहीं तरसे… इंद्रदेव की बेरुख़ी से तप रहे लोग
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़, 26 जून। इन दिनों पूरे श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में आसमान में काले घने बादलों का जमावड़ा जरूर दिखाई देता है, लेकिन बरसात अब भी लोगों के इंतजार में है। ग्रामीण अंचल में किसानों से लेकर आमजन तक हर कोई इंद्रदेव की कृपा की बाट जोह रहा है। खेत सूखे पड़े हैं, गर्मी बेहिसाब बढ़ चुकी है, और प्यासे बादल हर रोज़ उम्मीद जगाकर बिना बरसे लौट जा रहे हैं।
गुरुवार को आखिरकार कुछ गांवों में राहत की खबर आई। सातलेरा, बिग्गा सहित आस-पास के इलाकों में दोपहर बाद अच्छी बारिश हुई, जिससे खेतों में हल्की हरियाली की उम्मीद जगी है। खेतिहर किसान इस झमाझम को देखकर खिल उठे, पर ये खुशी अधूरी रही जब कस्बे की ओर रुख करें तो यहां महज 2 मिनट की हल्की बूंदाबांदी हुई। न ज़मीन भीगी, न ही गर्मी में कोई खास राहत मिली।
इस असमान बारिश से ग्रामीणों के बीच एक ही चर्चा है —
“कहीं बरसे, कहीं तरसे…”
📌 मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, लेकिन बादलों का मूड फिलहाल भरोसे के काबिल नहीं लग रहा।
🔥 श्रीडूंगरगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में गर्मी अब भी पूरे चरम पर है। दोपहर का तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच रहा है। ऐसे में न सिर्फ किसान, बल्कि आम नागरिक, पशु-पक्षी और पेड़-पौधे तक इस मानसूनी बेरुख़ी से जूझ रहे हैं।
🙏 अब सबकी निगाहें ऊपर टिकी हैं — कब होंगे इंद्रदेव मेहरबान, कब होगी धरती की प्यास बुझाने वाली बारिश?

















