समाचार गढ़, 14 अगस्त 2024, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ की कुक्षी ने न केवल भामाशाहों को जन्म दिया है अपितु इसके साथ मानवता को राह दिखाने वाले संतों की जन्मभूमि होने का सात्त्विक गौरव पाया है। ऐसे ही एक संत मुनि धनञ्जय कुमार के द्वारा अपने ही आध्यात्मिक गुरु आचार्य महाप्रज्ञ को समर्पित एक पुस्तक का लेखन किया गया और दिल्ली में आयोजित एक गरिमापूर्ण कार्यक्रम में इसका विमोचन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता पांचीलाल सिंघी ने बताया कि दिल्ली के माणक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रिटायर्ड आईएएस वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व जज सुभाष चन्द्र जैन और रिटायर्ड आईएएस लालचंद सिंघी ने मुनिश्री द्वारा संपादित पुस्तक ” यात्रा अध्यात्म के हिमालय की” के बारे में सारगर्भित विचार व्यक्त करते हुए इसे पाठकों और अध्यात्म पिपासुओं के लिए उपयोगी बताया। मुनि धनंजय कुमार ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ सिर्फ जैन आचार्य नहीं, जन-जन के आचार्य थे। उनकी पावन सन्निधि में आने वाला व्यक्ति स्वयं को ऊर्जावान पाता था। उनकी हर एक विषय पर पकड़ थी। उनके प्रवचन धारा प्रवाह होने के साथ मानवोत्थान को समर्पित थे। उनकी यह पुस्तक हर धर्म, सम्प्रदाय, वर्ग के व्यक्तियों के पठनीय, मननीय और आत्मोकर्ष वाली सिद्ध होगी। इस दौरान कार्यक्रम में सुभाष सेठिया, अजीत भादानी, लोकेश सिंघी, पदम संचेती, राजीव बैंगानी, पुखराज सेठिया सहित
दिल्ली जैन समाज और ईत्तर समाज के प्रबुद्ध और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय में परीक्षा में डमी छात्रा पकड़ी गई, पुलिस ने दर्ज किया मामला
समाचार गढ़, 22 दिसम्बर 2024। श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय में आज वर्धमान खुला विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा आयोजित कंप्यूटर परीक्षा में डमी परीक्षार्थी के तौर पर एक युवती को परीक्षा देते हुए पकड़ा…