समाचार गढ़, 1 अगस्त 2025।
गांव में शराब ठेका बंद करने की मांग को लेकर ग्रामीणों का शांतिपूर्ण धरना आज 336वें दिन भी जारी रहा। भीषण गर्मी, कड़कड़ाती सर्दी और अब बरसात के मौसम में भी ग्रामीण खुले मैदान में डटे हुए हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक वोटिंग की तिथि घोषित नहीं की गई है, जो न्यायालय के आदेशों की अवहेलना जैसा प्रतीत हो रहा है।
गांव के युवा, बुजुर्ग और बच्चे लंबे समय से शराबबंदी की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। न्यायालय द्वारा वोटिंग करवाने के स्पष्ट आदेश होने के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता को ग्रामीण दुर्भाग्यपूर्ण मान रहे हैं। बरसात के मौसम में खुले टेंट के नीचे बैठे ग्रामीणों की सुध लेने कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है, जिससे आमजन के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि आखिर सरकार और प्रशासन किस दबाव में काम कर रहे हैं?
गौरतलब है कि गांव पहले भी शराब की त्रासदी झेल चुका है और इसीलिए ग्रामीण लंबे समय से शराब ठेके को बंद करने की मांग कर रहे हैं। कड़ाके की सर्दी से लेकर भीषण गर्मी और अब बरसात में भी ग्रामीण लगातार खुले मैदान में डटे हुए हैं और वोटिंग तिथि घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं।
आज धरने पर एडवोकेट श्याम सुंदर आर्य, ताजाराम मेघवाल, सहिराम, मनफूल, बीरबलराम, सांवरमल सहू, भागीरथ, खींयाराम, लेखराम, तेजपाल, रुपाराम सांसी, मोटाराम सांसी, बाबूलाल और किशन चोटिया सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।











