बारह व्रत कार्यशाला का मालू भवन में शुभारंभ, साध्वी संगीतश्रीजी व डॉ. परमप्रभाजी के सान्निध्य में हुआ बैनर अनावरण
जैन श्रावक साधना के बारह व्रतों पर आधारित कार्यशाला 3 अगस्त तक चलेगी
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़, 29 जुलाई 2025। तेरापंथ युवक परिषद श्रीडूंगरगढ़ द्वारा आयोजित “बारह व्रत कार्यशाला” का शुभारंभ सोमवार को मालू भवन में हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन साध्वी संगीतश्रीजी एवं साध्वी डॉ. परमप्रभाजी के पावन सान्निध्य में बैनर अनावरण के साथ किया गया। इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद एवं तेरापंथ किशोर मंडल के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यशाला में जैन धर्म के मूल स्तंभ – बारह व्रतों की गूढ़ व्याख्या की जा रही है। उद्घाटन सत्र में साध्वी कमलविभाजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने श्रावकों के लिए बारह व्रतों का विधान किया, जिन्हें आगार धर्म कहा गया है। उन्होंने बताया कि गृहस्थ जीवन में रहकर भी व्यक्ति इन व्रतों के पालन से आत्मिक उन्नति कर सकता है और सुगति का अधिकारी बन सकता है। व्रत लेना मात्र एक परंपरा नहीं, बल्कि असंयम से संयम की ओर एक साधनात्मक यात्रा है।
कार्यशाला के पहले दिन परिषद की टीम ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतिभागियों को संयम, सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य जैसे मूल्यों की शिक्षा दी गई। परिषद अध्यक्ष विक्रम मालू ने जानकारी दी कि यह कार्यशाला आगामी दिनों में विभिन्न सत्रों के रूप में निरंतर जारी रहेगी। मंत्री पीयूष बोथरा एवं कार्यशाला प्रभारी सुमित बरडिया ने समस्त श्रावक-श्राविकाओं से इस कार्यशाला में अधिक से अधिक भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ लेने की अपील की।
यह सात दिवसीय कार्यशाला 3 अगस्त 2025 तक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक दिन आध्यात्मिक ज्ञानवर्धन के लिए नए सत्र आयोजित होंगे। अभातेयुप की प्रेरणा से आयोजित इस आयोजन का उद्देश्य समाज में नैतिकता, संयम व धर्म के प्रति जागरूकता को पुनः जागृत करना है।












