राजस्थानी जन-जागरण के लिए ‘उजास समारोह’ आयोजित
सांस्कृतिक धरोहर भाषा का सम्वर्द्धन हमारी सामाजिक जिम्मेदारी- सरोज पूनिया_
बालकथा कृति बातां री मुळक पर प्रश्नोतरी कार्यक्रम। विजेताओं को किया गया पुरस्कृत।
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। मरुभूमि शोध संस्थान श्रीडूंगरगढ़ द्वारा राजस्थानी जन जागरण अभियान के अन्तर्गत राजस्थली के बैनर तले उजास समारोह आयोजित किया गया, जिसमें विमला नागला की राजस्थानी बाल कथा कृति बातां री मुळक पर प्रश्नोतरी प्रतियोगिता संस्कृति भवन में आयोजित की गई। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन करते हुए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सरोज पूनिया वीर ने कहा कि राजस्थानी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसका संरक्षण, अनुरक्षण और सम्वर्द्धन एक महत्ती सामाजिक जिम्मेदारी है। वीर ने कहा कि जब-जब भी कोई समाज अपनी भाषा से विमुख हुआ है, तब-तब सामाजिक विचलनों व विद्रूप का सामना करना पड़ा है और समग्र बौद्धिक विकास का मार्ग बाधित हुआ है।
इससे पूर्व समारोह के संयोजक साहित्यकार रवि पुरोहित ने राजस्थानी को द्वितीय राजभाषा एवं संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग उठाते हुए नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिक शिक्षा का माध्यम राजस्थानी किये जाने को समय की जरूरत बताया।
प्रख्यात साहित्यकार व राजस्थली के सम्पादक श्याम महर्षि ने राजस्थानी को राजस्थान की अस्मिता बताते हुए आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि हम अपनी इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उसका वाजिब हक दिलावें, अन्यथा आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी।
समारोह अध्यक्ष साहित्यकार छगनलाल सेवदा ने भाषायी विकास के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओं को सर्वथा अलहदा नवाचार बताते हुए कहा कि पेड़ों को सींचने की बजाय जड़ों को मजबूत करना ही पड़ेगा ताकि नई पीढ़ी इसके तमीज, सलीके और समृद्धता से परिचित हो सके।
समारोह के प्रारम्भ में सहयोगी संस्था बागेश्वरी साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत संस्थान के अध्यक्ष श्री शकूर बिकाणवी ने सभी संभागियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। समारोह का सरस संचालन कवयित्री भगवती पारीक मनु ने किया।
प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमषः 1100, 700 व 500 रु. नगद पारितोषिक एवं सान्त्वना पुरस्कार विजेताओं को नगद पारितोषिक के साथ उपरणा, ट्राफी, मेडल व पुस्तकों का सैट अर्पित किया गया।
इन बच्चों को मिला पुरस्कार
सरस्वती सिद्ध पुत्री परमेश्वरनाथ, लिखमादेसर (प्रथम), आईना शर्मा पुत्री तोलाराम, सातलेरां (द्वितीय), प्रिया पारीक पुत्री अशोक कुमार, लिखमादेसर (तृतीय)।
भावना पुत्री आईदान पारीक, लिखमादेसर, गजानंद पुत्र हीराराम, कल्याणसर पुराना, बल्ली पुत्री कोजाराम, तनु मेघवाल पुत्री पेमाराम, बिग्गा, नितेश जोशी पुत्र महेश जोशी, श्रीडूंगरगढ़ (सान्त्वना पुरस्कार)।
ये रहे प्रतियोगिता के निर्णायक
साहित्यकार सत्यदीप, श्रीभगवान सैनी और पूनमचंद गोदारा
इन प्रेरकों को किया सम्मानित
लक्ष्मीकांत वर्मा, हजारी बाना, सीमा भोजक, छैलू चारण, रेणु प्रजापत, विनिता सारस्वत, मीना, सीमा
इन्होंने दी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
हुमेरा खान सिसोदिया, मेहरीन सिसोदिया, लोक गीत नृत्य, दिव्यांशी सुथार गायन व वादन।
यहां भी निकली प्रभात फेरी और रैलियां
लर्न एण्ड फन, बींझासर, गुसांईसर बड़ा, वार्ड नं.11, श्रीडॅूंगरगढ
प्रतियोगिता के संभागी विद्यालय
पी.एम. श्री ताल मैदान, श्रीडूॅंगरगढ़, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, हनुमान धोरा, भारती निकेतन, श्रीडूॅंगरगढ़, लर्न एण्ड फन पब्लिक स्कूल, श्रीडूॅंगरगढ़, ए.जी. मिशन, श्रीडूॅंगरगढ़, बाल भारती, श्रीडूॅंगरगढ़, रा.उ.मा. विद्यालय, बिग्गा, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, धीरदेसर चोटियान, रा.उ.मा. विद्यालय, लिखमादेसर, रा.उ. मा. विद्यालय, बींजासर, रा. उ. मा. विद्यालय, गुसांईसर बड़ा, रा.उ.मा. विद्यालय, कल्याणसर पुराना, रा.उ. मा. विद्यालय, सेरूणा, रा.उ.मा. विद्यालय, जैसलसर, रा.उ.मा.वि. विद्यालय, सातलेरा, रा.उ.मा.वि. विद्यालय, अभयसिंहपुरा, महात्मा गांधी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वार्ड संख्या 11 श्रीडूंगरगढ़, ब्राइट फ्यूचर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, श्रीडूॅंगरगढ़।















