जैन समाज तपस्या और विसर्जन में अग्रणी; तपस्वियों और भामाशाहों का संस्थाओं ने किया बहुमान
व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार स्वयं को समाज और आत्महित में नियोजित अवश्य करें: साध्वी कुंथुश्री
समाचार गढ़, 14 सितम्बर, श्रीडूंगरगढ़। व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार समाज हित और आत्महित में स्वयं को नियोजित अवश्य करें। व्यक्ति के सकारात्मक दिशा में किया गया समय, श्रम और अर्थ का नियोजन उसके स्वयं और राष्ट्र के विकास में सहयोगी बनता है। यह प्रेरणादायक पाथेय श्रीडूंगरगढ़ साध्वी सेवा केंद्र में सेवा केन्द्र व्यवस्थापिका साध्वी कुंथुश्री ने प्रदान किया। साध्वी के सान्निध्य में सामाजिक संस्थाओं द्वारा तपस्वी की तप अनुमोदना के साथ सामाजिक संस्थाओं में सहयोग करने वाले भामाशाहों और प्रतियोगिता में सहभागी बने प्रतिभागियों के सम्मान का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी कुंथुश्री ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए फरमाया कि व्यक्ति स्वयं को देखे, समझे और तपस्या में स्वयं को नियोजित करें। तपस्या 8कर्मों को तपाने वाली है। कर्म निर्जरा का एक बड़ा साधन तपस्या है। भंवरलाल जी दुबले पतले व्यक्ति है परंतु मनोबल मजबूत है और इस अवस्था में भी तपस्या की है।
तपस्वी भंवरलाल बोथरा 7की तपस्या लेकर साध्वी कुंथुश्री के सान्निध्य में उपस्थित हुए। तप अभिनंदन में सभा, तेयुप, तेरापन्थ महिला मंडल, अणुव्रत समिति सहित सम्पूर्ण जैन समाज की ओर से सभाध्यक्ष सुशीला पुगलिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। बोथरा परिवार की महिलाओं ने गीत का संगान किया।
*भामाशाहों और तपस्वियों का किया अहोमान*
श्रीडूंगरगढ़। कार्यक्रम में श्री ओसवाल पंचायत के विकास कार्यों में उदारमना सहयोग करने वाले व्यक्तित्त्वों का प्रतीक चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मान किया गया। कार्यवाहक अध्यक्ष शेखर दुगड़, मंत्री प्रमोद बोथरा, तुलसीराम चौरड़िया, कांतिलाल पुगलिया, भंवरलाल दुगड़, कमल झाबक, मणिशंकर सेठिया, मोहनलाल सेठिया के द्वारा विकास में सहयोगी बने सुशीला पुगलिया, राजकुमार बाफना, भंवरलाल राखेचा परिवार के प्रतिनिधि राजकरण तातेड़, माणक चंद डागा के प्रतिनिधि फुसराज पुगलिया, जतन पारख व नवरत्न पारख के प्रतिनिधि मनोज पारख का प्रतीक चिन्ह व सम्मान पत्र देकर अहोमान किया गया।
कार्यक्रम में महावीर प्रश्नोत्तरी के और पर्युषण आराधना पत्रक के क्रमशः 3 व 15 विजेता प्रतियोगियों को सभाध्यक्ष सुशीला पुगलिया व मंत्री प्रदीप पुगलिया के साथ कार्यसमिति सदस्यों द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुमंगलाश्री ने किया।