समाचार गढ़, 23 नवम्बर, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ के तेरापन्थ भवन धोलिया नोहरा में एक दिवसीय प्रवास के बाद शनिवार सुबह 8बजे मुनि जम्बुकुमार ने सहवर्ती संत मुनि धवलकुमार के साथ चाड़वास के लिए विहार किया। इस दौरान मुनि जम्बुकुमार ने कहा कि साधु और पानी को एक जगह कभी भी रुककर नहीं रहना चाहिए। मुनि ने कहा कि “साधु तो रमता भला, दाग न लागे कोय। पानी तो बहता भला, पड़्या गंदिला होय।।” इस दौरान मुनिद्वय के विहार में तेरापन्थ भवन के प्रबंधक तोलाराम पुगलिया, सभा के रास्ता सेवा प्रभारी महेंद्र कुमार मालू, तेयुप मंत्री अमित बोथरा और लूणकरणसर के श्रावक मौजूद रहे।
गौरतलब है कि मुनि जम्बुकुमार अपने सहवर्ती संत मुनि धवलकुमार के साथ निकटवर्ती कस्बे लूणकरणसर में चातुर्मास करके चाड़वास की ओर विहार कर रहे हैं। शुक्रवार को मार्गवर्ती कस्बे श्रीडूंगरगढ़ में प्रवास किया और आज शनिवार को दिनभर सहित रात्रि प्रवास बीदासर रोड़ स्थित भीखमचन्द पुगलिया के फार्महाउस पर करेंगे और रविवार को पुनः आगे की विहार करेंगे।
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