समाचार गढ़ 29 सितंबर 2025 श्री डूंगरगढ़।
प्रशासन से तीन दौर की वार्ता बेनतीजा, गांधी पार्क से निकली रैली बनी धरने में तब्दील, दो दिन का समय मिलने पर बनी सहमति
कस्बे में सोमवार को ठेला-रेहड़ी व मनिहारी मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा। फल, सब्जी व मनिहारी मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले सुबह 11 बजे सैकड़ों की संख्या में मजदूर, महिलाएं व छोटे व्यापारी गांधी पार्क में जुटे और पूर्व विधायक कॉमरेड गिरधारीलाल महिया के नेतृत्व में जोरदार नारेबाजी करते हुए रैली की शक्ल में एसडीएम कार्यालय की ओर रवाना हुए।
मांगों को लेकर दिनभर डटे रहे मजदूर
उपखंड कार्यालय पहुंचने के बाद मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की। करीब शाम 6 बजे तक मजदूर डटे रहे। तीन दौर की वार्ता के बावजूद जब कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया तो मजदूरों ने वहीं अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया और कार्यालय परिसर में टेंट गाड़ दिए।
पुलिस-प्रशासन के साथ खींचतान
धरने की सूचना पर थाना अधिकारी जितेंद्र कुमार स्वामी पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्यालय परिसर के भीतर टेंट लगाने पर आपत्ति जताते हुए बाहर स्थानांतरित करने की बात कही। इस दौरान एक बार फिर उपखंड अधिकारी शुभम शर्मा, थाना अधिकारी, संघर्ष समिति के सदस्य और बसपा के उड़ीसा प्रभारी चम्पालाल रेगर के बीच वार्ता हुई।
प्रशासन ने मांगा दो दिन का समय
बैठक के दौरान प्रशासन ने मजदूरों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए दो दिन का समय मांगा। अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन मजदूरों के लिए उपयुक्त स्थान तलाश कर रहा है और समिति के लोग भी वैकल्पिक जगह सुझाएं। तब तक मजदूर किसी दूसरी जगह पर जहां अव्यवस्था न हो, वहां ठेला-रेहड़ी लगा सकते हैं। इस पर सभी पक्षों की सहमति बनी और फिलहाल आंदोलन को दो दिन के लिए टाल दिया गया।
पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप
इस बीच बैठक के दौरान एसएफआई जिलाध्यक्ष मुकेश ज्याणी ने थाना अधिकारी पर दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। ज्याणी ने कहा कि मजदूरों की जायज मांगों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
संघर्ष समिति की मौजूदगी
धरना-प्रदर्शन के दौरान समिति अध्यक्ष रमजान चुनगर, छगन माली, तौफीक, एसएफआई जिलाध्यक्ष मुकेश ज्याणी, गौरव टाडा, कैलाश मेघवाल, मोहम्मद इमरान, बाबू, एहसान, सूफियान, सोहेल सहित बड़ी संख्या में मजदूर मौजूद रहे।
मजदूरों की मुख्य मांगें
मजदूरों ने साफ कहा कि वे रोजमर्रा की जरूरत का सामान बेचकर परिवार का पेट पाल रहे हैं। ऐसे में उन्हें शहर में ठेला-रेहड़ी लगाने के लिए स्थायी स्थान उपलब्ध करवाना आवश्यक है। प्रशासन बार-बार कार्रवाई करके मजदूरों को परेशान कर रहा है। समिति ने चेतावनी दी कि यदि दो दिन में ठोस निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
















