वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय वास्तुकला की एक शाखा है जो घरों, इमारतों और अन्य स्थानों के निर्माण और डिजाइन के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है। वास्तु शास्त्र यह मानता है कि घर या इमारत का निर्माण वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार नहीं किया जाता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय हैं जो आप अपने घर में कर सकते हैं ताकि अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। ये उपाय हैं:
- घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में एक छोटा बगीचा बनाएं। इस बगीचे में तुलसी, नीम, अश्वगंधा और हल्दी जैसे पौधे लगाएं। ये पौधे हवा को शुद्ध करते हैं और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
- घर के दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक पानी का फव्वारा लगाएं। पानी का फव्वारा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य को ठीक करता है।
- घर में हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें। गंदगी और अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
- घर में हमेशा ईश्वर की तस्वीरें या मूर्तियां रखें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
- घर में कभी भी टूटे-फूटे बर्तन न रखें। टूटे-फूटे बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
- घर में कभी भी जूते-चप्पल इत्यादि बिखरे न रखें। जूते-चप्पल इत्यादि इधर-उधर बिखरे रहने से स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने घर में वास्तु को बेहतर बना सकते हैं और अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।
अगर आप वास्तु शास्त्र के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप किसी अच्छे वास्तुविद से सलाह ले सकते हैं।