चिकित्सा विभाग असमंजस में किसे दे स्वीकृति
समाचार-गढ़, 5 जून श्रीडूंगरगढ़। इस कस्बे का ट्रोमा सेंटर तथा उपजिला चिकित्सालय श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय के सामने स्थित नगरपालिका की 1•61 हैक्टेयर भूमि पर निर्मित होना है। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जयपुर से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति गत 03 मई को जारी हो चुकी है। उधर विशिष्ट सचिव, स्वायत शासन विभाग ने इसके लिए 1•61 हैक्टेयर भूमि आवंटन की स्वीकृति भी प्रदान करदी है।
यहां ट्रोमा सेंटर बनवाने के लिए सबसे पहले अपना प्रस्ताव पवनकुमार चांडक ने पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के माध्यम से 17 मार्च को मुख्य मंत्री अशोक गहलोत तथा चिकित्सा विभाग को भिजवाया था, जिस पर स्वीकृति की कार्यवाही चल रही थी। इसी बीच एक अन्य दानदाता हरिप्रसाद बाहेती ने भी स्थानीय विधायक गिरधारीलाल महिया के माध्यम से 18-3-23 को चिकित्सा विभाग को प्रस्ताव भिजवाया गया कि उप जिला चिकित्सालय एवं ट्रोमा सेंटर का निर्माण करने के लिए वे भी तत्पर हैं।
एक ही कार्य के लिए दो-दो दानदाता तैयार होने पर बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने गत 27 मई को एक पत्र संयुक्त निदेशक ( निर्माण) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जयपुर को भेजकर मार्गदर्शन चाहा है कि उपरोक्त दोनों में से किस दानदाता को ट्रोमा सेंटर तथा उपजिला चिकित्सालय निर्माण की स्वीकृति दी जाए?
उल्लेखनीय है कि चिकित्सालय के लिए भूमि आवंटन का आदेश स्वायत शासन विभाग पहले से ही कर चुका है, अब यह केवल निर्माण की स्वीकृति पर टिका हुआ मसला है। संभावना यह व्यक्त की जा रही है कि दोनों निर्माण के लिए पहले स्वीकृति पवनकुमार चांडक ने चाही थी, इसलिए यह जिम्मेदारी उन्हें ही मिलती लग रही है। यह मसला पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा और वर्तमान विधायक श्री गिरधारीलाल महिया के वर्चस्व का भी है कि कौन अपने दानदाता को स्वीकृति दिलवाने में सफल होते हैं?
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा भूमि का आवंटन हो चुका ,अब इसका पट्टा किसी दानदाता के नाम न होकर जिला कलेक्टर द्वारा चिकित्सा विभाग के नाम ही जारी होगा। उल्लेखनीय है कि यहां एन एच एम विंग के अनुसार उक्त भूमि पर ट्रोमा सेंटर एवं उप जिला अस्पताल का वर्टिकल ट्रिपल स्टोरी भवन बनना है।











