समाचार गढ़, 7 अक्टूबर, श्रीडूंगरगढ़। 2023 में पूर्व सरकार द्वारा श्रीडूंगरगढ़ में 100 बिस्तरों वाले उप जिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। इस निर्णय के बाद विवादित भूमि को दोनों पक्षों की सहमति से ट्रॉमा सेंटर के लिए प्रदान किया गया। श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा सात बीघा जमीन का पट्टा स्वास्थ्य विभाग बीकानेर के नाम आवंटित कर दिया गया, और भामाशाह बाहेती और चाडंक परिवार (मामा-भांजा) ने भूमि पूजन करवाया।
हालांकि, अब तक इस परियोजना में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में प्रतिवर्ष 500-600 दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें से 60-70 प्रतिशत लोगों की मृत्यु समय पर इलाज न मिलने के कारण हो जाती है। बीकानेर स्थित ट्रॉमा सेंटर पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं, जिससे कई मरीजों की जान चली जाती है। इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है और विधायक के निजी सचिव भवानी तावनिया को ज्ञापन सौंपा गया है।
एसडीएम उमा मितल ने जानकारी दी कि ट्रॉमा सेंटर की प्रक्रिया जारी है। वहीं, विधायक के निजी सचिव भवानी तावनिया ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के संबंध में चर्चा चल रही है और जल्द ही भामाशाह से परामर्श कर उचित निर्णय लिया जाएगा। नगर पालिका चेयरमैन ने कहा कि उन्होंने पट्टा बनाकर दिया है और आवश्यकता पड़ने पर वे आगे की कार्रवाई करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में हरिप्रसाद सिखवाल, ओमप्रकाश मुंदड़ा, सुशील चांडक, और मदन बलदेवा आदि समाजसेवी शामिल थे।