समाचार गढ़, 17 अक्टूबर, श्रीडूंगरगढ़। पूनरासर हनुमानजी मंदिर में ध्वजारोहण के साथ बुधवार सुबह शरद पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। पहले ही दिन राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ध्वजा लेकर बाबा के दर्शन करने पहुंचे। भक्तों ने आटे, घी और शक्कर से बने चूरमे का भोग लगाकर संकट हरने की प्रार्थना की।
श्रद्धालुओं ने खेजड़ी बालाजी मंदिर में भी माथा टेककर मन्नतें मांगी और पवित्र खेजड़ी वृक्ष पर मोलियां बांधते हुए परंपरागत जात-झडूलों की रस्में पूरी कीं। अंजनी माता मंदिर परिसर भी श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा, जहां भक्तों ने अंजनी माता और राम दरबार मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
महोत्सव के दौरान विभिन्न संस्थाओं ने भंडारों का आयोजन किया। जयराम धर्मशाला में मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्रसादी वितरण हुआ, जबकि गंगाजल कासनियां चेरिटेबल ट्रस्ट, बेंगलुरु ने सावित्री भवन के बाहर बाबा का भंडारा लगाया। शाम को आयोजित भजन संध्या में बीकानेर की कौशल्या रामावत एंड पार्टी ने भक्ति संगीत से समां बांध दिया।
विशेष श्रृंगार और पूजा-अर्चना
गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में पूनरासर हनुमानजी का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना की गई। निज मंदिर सहित पूरे परिसर को फूलों से मनोहारी रूप में सजाया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो उठा।
सेवा दलों ने निभाई पैदल यात्रियों की सेवा
पूनरासर हनुमानजी के दर्शन के लिए गांवों, कस्बों और मोहल्लों से निकले पैदल यात्रियों के लिए विभिन्न सेवा दलों ने जगह-जगह सुविधाएं प्रदान कीं। कई स्थानों पर पानी, चाय-नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की गई।
श्रीडूंगरगढ़ की पवन पुत्र सेवा समिति ने (थेह) से दो किलोमीटर आगे टेंट लगाकर पैदल यात्रियों के लिए दिनभर ठंडे पानी, नाश्ता और भोजन का प्रबंध किया, जो सुबह 8 बजे से देर रात 1 बजे तक चलता रहा। बड़ी संख्या में यात्रियों ने इस सेवा का लाभ लिया।
वहीं, श्री पूनरासर नवयुवक सेवा दल ने हर साल की तरह इस बार भी कच्चे रास्ते पर सेवा जारी रखी। यहां भी ठंडे पानी, चाय-नाश्ता और भोजन का प्रबंध किया गया, जो देर रात तक चलता रहा। इसी प्रकार माणकरासर के पास गोविंद भोजनालय ने भी यात्रियों के लिए पानी, चाय और फल-फ्रूट की व्यवस्था की, जिससे भक्तों को राहत मिली।
महोत्सव के दौरान सेवा और भक्ति का यह अनोखा संगम श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।