देर रात को आफत बनकर बरसे बदरा बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से भूमि पुत्र डूबे चिंता में 23 से 25 मार्च को फिर होगी बरसात
समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। अचानक बदले मौसम का असर बीकानेर संभाग में देखा जा सकता है। राजस्थान में देर रात एक बार फिर बारिश के साथ ओले गिरे । वही राजस्थान के कुछ जिलों में भी बरसात के समाचार मिले हैं। अब एक दिन की राहत के बाद 23 मार्च से फिर बारिश और ओले गिरेंगे ।
दरअसल राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिकल सर्कुलेशन सिस्टम बन रहा है। इसके प्रभाव से जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर और जयपुर संभाग के जिलों में 23 मार्च से 25 मार्च तक तेज हवाओं के साथ बरसात तथा ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। जिसके कारण किसानों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश ओलावृष्टि का यह दौर 25 मार्च की शाम से थमने लगेगा । 26 मार्च से मौसम साफ होने के साथ गर्मी का असर बढ़ने लगेगा । जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम का असर 24 मार्च को बीकानेर जयपुर और भरतपुर संभाग के हिस्सों में देखने को मिलेगा । लेकिन 25 मार्च से इस सिस्टम का असर कम होने लगेगा और बारिश ओलावृष्टि की गतिविधियां कम होने लगेगी ।
बीकानेर में देर रात को हुई बरसात के साथ कई जगह ओलावृष्टि हुई । जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा । यही मौसम जैसलमेर में भी देखने को मिला जहां दिन में गर्मी थी लेकिन देर शाम बारिश के बाद वहां भी ठंडक हो गई। वही गंगानगर हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले के कुछ हिस्से में हल्की बारिश के साथ ओले गिरे । बीकानेर में आधे घंटे के दौरान 16 एमएम बरसात हो गई। बीकानेर के लूणकरणसर में सबसे ज्यादा बारिश और ओले गिरे । बारिश के बाद यहां रात में सर्दी बढ़ गई और तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया ।
वही श्री डूंगरगढ़ के कहीं गांवों में बरसात एवं ओलावृष्टि हुई । श्री डूंगरगढ़ के जालबसर, उदरासर, लाधड़िया, पाटमदेसर,में बरसात के साथ ओले गिरे ।वहीं सातलेरा, बिग्गा,तोलियासर,सहित कई गांवो में बरसात हुई ।
किसानों की बढ़ी मुश्किल
बेमौसम बरसात ने किसानों की मुश्किल को बढ़ा दिया है बेमौसम बरसात के चलते भूमिपुत्र चिंता में डूबा नजर आ रहा है। किसानों ने मौसम का बदला रूप देखकर फसलों की अंधाधुंध कटाई शुरू कर दी है। किसानों का कहना है कि ना जाने कब पकी पकाई फसलें ओलावृष्टि की शिकार हो जाए । किसान जैसे तैसे करके फसलों को समेटने में लगे । किसानों का कहना कि आसमान में छाए काले बादलों को देखकर उनकी नींद उड़ गई है। किसान भगवान से रहम करने की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि उनकी मेहनत पर पानी नहीं फिरे।