दिनांक 07-04-2023 के पंचांग के साथ जाने आर्थिक संकट निवारण आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 07/04/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – वसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- प्रतिपदा प्रातः 10:17 बजे उपरांत द्वितीया
* वार- शुक्रवार
* नक्षत्र – चित्रा दोपहर 13:29 बजे उपरांत स्वाति
* योग- 1 हर्षण- रात्रि 25:21:24 बजे उपरांत वज्र
- करण- 1 कौलव-10:17:24 A.M. 2 तैतिल – 22:12:24 P.M. उपरांत 3 गर
- चंद्र राशि – तुला
चंद्र बल – मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु,मकर, कुंभ
सूर्योदय – 06:23 A.M. सूर्यास्त- 06:50 P.M.
दिनमान – 12:27
रात्रिमान – 11:32*शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:12:30 से 1:00:30 बजे तक
अशुभ समय
यमगण्ड – सायं 3:00 से 4:30 बजे तक राहुकाल- प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक - चंद्र राशि – तुला
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कुलिक योग– प्रातः10:17 बजे उपरांत
कालवेला या अर्द्धयाम
1.प्रातः 11:03:07 से 12:36:30 बजे तक 2.रात्रि 09:43:00 से 11:09:30 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.चंचल- प्रातः 06:23 से 07:56:22 तक
2.लाभ-प्रातः07:56:22 से 09:29:45 तक 3.अमृत-प्रातः09:29:45 से 11:03:07 तक (वार वेला निषेध)
4.काल-प्रातः 11:03:07 से 12:36:30 तक (कालवेला निषेध)
5.शुभ- दोपहर 12:36:30 से 02:09:52 तक
6.रोग-दोपहर 02:09:52 से 03:43:15 तक
7.उद्वेग-सायं 03:43:15 से 05:16:37 तक
8.चंचल-सायं 05:16:37 से 06:50 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.रोग- रात्रि 06:50 से 08:16:30 तक
2.काल-रात्रि 08:16:30 से 09:43:00 तक
3.लाभ-रात्रि 09:43:00 से 11:09:30 तक (कालवेला निषेध)
4.उद्वेग-रात्रि 11:09:30 से 12:36:00 तक
5.शुभ-रात्रि 12:36:00 से 02:02:30 तक
6.अमृत-रात्रि 02:02:30 से 03:29 तक
7.चंचल-रात्रि 03:29 से 04:55:30 तक
8.रोग-रात्रि 04:55:30 से 06:22 तक
विशेष – शुक्रवार के दिन श्री कनकधारास्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए क्योंकि शुक्रवार वैभव लक्ष्मी की उपासना के लिए विशेष दिन माना जाता है। इस दिन वैभव लक्ष्मी को केसर युक्त खीर का प्रसाद अवश्य चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलने के आसार प्रबल हो जाते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721