समाचार गढ़। बाबरी मस्जिद ढहाने की पहली वर्षगांठ पर हुए मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट का एक बड़ा फैसला आया है जहां इस मामले पर 31 साल बाद टाडा कोर्ट ने बम ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि टुंडा के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं मिला.
वहीं इस मामले में अन्य 2 आरोपी इरफान और हमीदुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मालूम हो कि पिछले 30 सालों से मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी जहां गुरूवार को आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा और अन्य आरोपियों पर सुनवाई पूरी हो गई थी.
मालूम हो कि टुंडा के खिलाफ शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में सीरियल बम ब्लास्ट का मामला 2014 से विचाराधीन चल रहा था. वहीं इस मामले में अंसारी सहित कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. जहां अब्दुल करीम को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से दबोचा गया था जिसके बाद टुंडा 24 सितंबर 2023 से अजमेर की सैंट्रल जेल में बंद है.