
समाचार गढ़, 11 मार्च। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में विगत एक वर्ष में प्रदेश के समग्र विकास के लिए निर्णय लिए गए हैं ।जिनसे हमारी माता, बहनों, युवा, किसानो, श्रमिकों सहित समाज के हर वर्ग का जीवन बेहतर हुआ है। । सरकार ने किसान कल्याण की दिशा में मजबूत कदम बढाते हुए इस योजना के साथ मुख्यमंत्री किसान सम्मांन निधि योजना भी प्रारंभ की है ।रात दिन पसीना बहा कर खेत में अन्न उपजाने वाले अन्नदाता किसानों के लिए सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है। किसान बेहतर उपज ले सके इसके लिए उन्हें यूरिया व डीएपी भी उपलब्ध करवाया गया है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी दाम सुलभ कराने के लिए ई -नाम योजना कृषि उपज मंडियों और किसानों के बीच सेतु का काम कर रही है राज्य की नवगठित 21 मंडी समितियां को ई- नाम से जोड़ा गया है अब तक प्रदेश की 166 मंडिया इससे जुड़ चुकी है। इ-नाम प्लेटफार्म के माध्यम से होने वाले व्यापार में राजस्थान ट्रांजैक्शन की संख्या के आधार पर भी प्रथम स्थान पर रहा है।
गेहूं के मिनिमम सपोर्ट प्राइस एमएसपी के ऊपर प्रति क्विंटल बोनस राशि को भी बढाकर 150 रुपए की दर से उपलब्ध करवाया जाएगा। तथा किसानों को संबल प्रदान करने में ग्राम सेवा सहकारी समितियां की भूमिका के दृष्टिगत आगामी दो वर्षों में शेष रहे 2500 से अधिक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जीएसएस स्थापित भी किए जाएंगे इसके साथ ही नवीन स्थापित आठ जिलों में क्रय विक्रय सहकारी संघ की भी स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
सरकार द्वारा सहकारी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियां में 100 मेट्रिक टन क्षमता के गोदाम के पुनर्निर्माण हेतु 12 करोड रुपए का भी अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है तथा 500 मेट्रिक टन क्षमता के 100 250 मैट्रिक टैंक क्षमता के 50 गोदाम का ग्राम सेवा क्रय -विक्रय सहकारी समितियां में निर्माण कार्य हेतु 33 करोड रुपए का भी अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है निश्चित इन कार्यों से सहकारी समितियां को और अधिक संबल प्रदान किया जाएगा।
विधायक सारस्वत ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र श्री डूंगरगढ़ में इस वर्ष मूंगफली की रिकॉर्ड आवक हुई है जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। बीकानेर जिले की मुख्य पैदावार मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6783 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग का समर्थन मूल्य 86 82 रुपए प्रति क्विंटल रहा है। इन जिन्सों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दर और बाजार दर में बहुत अन्तर रहा है, जिसका लाभ बीकानेर जिले के किसानों को भी मिला है।
विधायक सारस्वत ने कहा कि मुख्यमंत्री और सहकारिता राज्य मंत्री गौतम दत्त का भी आभार व्यक्त करता हूं कि उनके समुचित और गम्भीर प्रयासों से ही राज्य में चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद का सफल संचालन हो पाया और बीकानेर जिले में रिकॉर्ड खरीद संभव हो पाई। न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद के अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 थी जिसे दो बार बढ़ते हुए दिनांक 10 मार्च 2025 तक तक कर दिया गया, यह निर्णय राज्य के उन वंचित किसानों के लिए लाभकारी रहा जिनको समर्थन मूल्य खरीद का लाभ नहीं मिल पाया था इन्हीं प्रयासों का परिणाम यह निकला कि सिर्फ बीकानेर जिले में 50000 से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद का लाभ प्राप्त हुआ। यह एक रिकॉर्ड स्तर है जिसे प्राप्त करने हेतु प्रबल राजनीतिक इच्छा और सहकारिता विभाग के अथक प्रयास रहे हैं। इसी कारण इतनी बड़ी खरीद संभव हो पाई है और राज्य के किसान लाभान्वित हो सके हैं।
गोदाम जो कि 150-300 KM दूर स्थित थे, इस कारण सरकार को काफी नुकसान हुआ साथ ही किसानों को भी भुगतान देरी से प्राप्त हुआ क्योकि राजफेड के दिशा निर्देशानुसार किसानो का भुगतान उनकी जींस भण्डार गृहों में जमा होने के उपरांत ही दिया जाता है अतः उचित होगा कि भंडार के लिए राज्य में उपलब्ध निजी क्षेत्र के भंडार ग्रहों हेतु टेंडर या उचित प्रक्रिया अपनाई जाए जिससे किसानों से खरीदा गया ।जिन्स निकटतम गोदामों में जमा हो सके जिससे सरकार को भी नुकसान नही हो एवं किसानो को भी तुरंत भुगतान मिल सके। इस सीजन खरीफ-2024 में वरदान सप्लाई में काफी विलम्ब हुआ जिसके कारण किसानो को काफी “समस्या” यानी 3-4 दिनों तक लाईन मे लगा रहना पड़ा।इसके लिए राजफैड द्वारा रबी 2025 में बारदाने का भी टेंडर निकाला जाएगा जिससे नफेड द्वारा सप्लाई में विलंब हो तो स्थानीय व्यापारियों से खरीदा जा सके।जब राजफैड द्वारा बारदाने का टेण्डर निकाला जा रहा तो भण्डारगृहो हेतु भी टेंडर निकलकर जींस भंडारण की समस्या का समाधान हो सकता है। ऐसा करने से सरकार को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है साथ ही भंडारण व्यवस्था ठीक होने से किसानों का भी समय पर भुगतान किया जा सकता है।अतः जींस भंडारण हेतु निजी क्षेत्र के गोदामों का पेनल बनाया जा सकता है। जिससे आगे भी रबी 2025 (सरसो /चना) खरीद-जो अप्रैल माह से प्रारम्भ की जाएगी। उस समय कोई समस्या ना हो।
विधायक सारस्वत ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस समय संगठित गिरोह किसानों के भेष में पैदा हुआ उन काफी किसानों का शोषण कर रहा हैं सपोर्ट प्राइस खरीद केंद्र पर किसान माल को लेकर जाते हैं तो संगठित गिरोह के लोग उनका नंबर नहीं आने देते और अपने-अपने माल तुलवाते रहते हैं किसान 10 दिन तक लाइन में लगाकर अपना माल बाजार में भेज देते हैं उसी माल को खरीद कर उसमें कचरा मिलकर 3500 से 4000 क्विंटल का माल 6800 के भाव पर सरकार को भेज देते हैं और सरकार उसे माल को लेकर 200 से 300 किलोमीटर दूर गोदाम में लगाया जाता है जिसमें बहुत ज्यादा किराया पड़ जाता है और वह मूंगफली सरकार को लगभग ₹10000 प्रति क्विंटल पड़ती है उन्होंने खा मूंगफली खरीद में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है इस पर सरकार को सोचना चाहिए।
विधायक सारस्वत ने कहा कि सरकारी खरीद केदो से माल लगने वाले गोदाम की दूरी 30 से 50 किलोमीटर के अंदर हो ताकि जल्दी माल लगकर किसानों के भुगतान में देरी नहीं हो। क्रय विक्रय व सहकारी समितियां में बरसों पुराने पदाधिकारी बैठे हैं उनका तुरंत चुनाव करवाया जावे। सहकारी समितियां जिन्होंने बड़ा भ्रष्टाचार किया है उनकी जांच करवा कर उनको निलंबित किया जावे ,हो सके तो टर्मिनेट किया जावे। किसानों का हक मारने वाली उस प्रजाति गैंग के सदस्यों को चिन्हित कर उन पर भी कार्यवाही की जावे। विधायक सारस्वत ने कहा कि इस मूंगफली खरीद केंद्र घोटाले की निष्पक्ष जांच हो तथा लिप्त कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ़ तुरंत कार्रवाई की जावे।