समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़/मोमासर। प्राइड ऑफ राजस्थान अलंकरण प्राप्त, भारत के करोड़पति उद्यमियों की सूची में 323 नम्बर पर शुमार श्री कन्हैयालाल पटावरी का कल रात्रि दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित तेरापंथ भवन में एक भव्य समारोह के दौरान नागरिक अभिनंदन किया गया। यह आयोजन मोमासर मित्र मण्डल, दिल्ली की ओर से किया गया। समारोह के प्रारंभ में मनोज नाहर एवं जयसिंह दूगड़ ने समवेत स्वरों में मंगलाचरण किया तथा पुखराज- सुखराज सेठिया परिवार की पौत्रियों ने भरत नाट्यम् की मनोहारी प्रस्तुति दी। लोकगायिका अभिलाषा बांठिया ने इस अवसर पर अपने गाए राजस्थानी लोकगीतों पर उपस्थित जनों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
विनय की प्रतिमूर्ति, संवेदनशील साधक तथा उद्यमी कन्हैयालाल पटावरी को मित्र मण्डल की ओर से एक विस्तृत अभिनंदन पत्र भेंट किया गया, जिसका वाचन साहित्यकार- संपादक पुखराज सेठिया ने किया। मण्डल के पदाधिकारियों ने साफा, शाॅल ओढाकर यह सम्मान पत्र सामूहिक करतल ध्वनि के बीच भेंट किया। उपस्थित सैकड़ों जनों ने हर्ष ध्वनि की।
इस अवसर पर पुखराज सेठिया ने कहा कि ऐसा प्रेरणादायक व्यक्तित्व हजारों वर्षों में कोई कोई होता है। आपको तेरापंथ के तीनों आचार्यों का वरदहस्त इसलिए प्राप्त रहा, क्योंकि आपकी श्रद्धा और विनम्रता के उदाहरण प्रस्तुत किए जाते हैं।
अभिनंदन की श्रृंखला में मोमासर ग्राम पंचायत की ओर से उपसरपंच जुगराज संचेती के नेतृत्व में गांव से आए प्रमुख जनों ने अभिनंदन किया। उधर मोमासर पटावरी परिवार की ओर से वयोवृद्ध कन्हैयालाल पटावरी टोपीवालों ने शाॅल ओढाकर सम्मान किया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मांगीलाल ने कहा कि कन्हैया लाल जी का समूचा जीवन भिन्न भिन्न दृष्टि कोण से प्रेरणीय कहा जा सकता है। वे केवल भारत के प्रसिद्ध सूचीबद्ध उद्यमी भर नहीं हैं। उनका जीवन सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कारिक प्रेरणाओं से ओतप्रोत है। वे सद्गृहस्थ हैं, किन्तु विचार संतों जैसे हैं।
साहित्यकार डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि पटावरी जी अपनी बात को सूत्रात्मक ढ़ंग से कहते भर नहीं हैं,बल्कि वे जिन मूल्यों को व्याख्यायित करते हैं, उन पर सहज भाव से चलने का आग्रह रखते हैं। के सी जैन, उद्यमी रामलाल गोयल, पंकज पटावरी, तेरापंथी सभा दिल्ली के अध्यक्ष सुखराज सेठिया, उपसरपंच जुगराज संचेती ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापित करते हुए सम्मानेय कन्हैयालाल पटावरी ने कहा कि मैं अपने सम्मान से अभिभूत हूं तथा सोचने के लिए विवश हो जाता हूं कि मैं उन मूल्यों का पालन कर पाता हूँ क्या, जो एक व्यक्ति की थाति बनते हैं। मेरा सिर यहां और झुक जाता है। मेरा निरंतर यह प्रयास रहेगा कि मैं जन सामान्य की अपेक्षाओं पर सदैव खरा उतर सकूं।
कोई चार घंटे तक चलनेवाले इस समारोह का सफल और मोहक संचालन प्रदीप संचेती ने किया।
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