समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़, 12 नवंबर 2024। मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई जब भामाशाह भीखमचंद पुगलिया ने आचार्यश्री महाश्रमण इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना के लिए अपनी 2.5 एकड़ भूमि दान में दी। इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा का विशेष निरीक्षण दल मंत्री विनोद बैद की अगुवाई में भूमि अवलोकन हेतु श्रीडूंगरगढ़ पहुँचा। दल ने पुगलिया के इस योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया और भूमि को शिक्षा के लिए श्रेष्ठतम स्थल बताया। महासभा ने इस स्कूल को देश के 100 आचार्यश्री महाश्रमण इंटरनेशनल स्कूलों की श्रृंखला में शामिल किया है, जिसमें श्रीडूंगरगढ़ के स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 2026 में स्कूल का पहला सत्र आरंभ करने का लक्ष्य रखा गया है।
गणमान्य जनों की उपस्थिति
इस अवसर पर समाज के कई प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक कदम के प्रति समर्थन और कृतज्ञता व्यक्त की। उपस्थित लोगों में महासभा के सदस्य सुदेश आंचलिया, मुकेश मेहता, आशीष, श्रीडूंगरगढ़ सभा के पूर्व अध्यक्ष विजयराज सेठिया, रिद्धकरण लूनिया, तुलसीराम चोरड़िया, निर्मल कुमार डागा, नेता प्रतिपक्ष अंजू पारख, तोलाराम पुगलिया, एस कुमार सिंधी, शिव स्वामी, मनोज पारख, सूर्यप्रकाश गांधी, सुशील सेरडिया, विक्रम मालू, विनोद भादानी, कमल बोथरा, साहित्यकार श्याम महर्षि, शांतिलाल झाबक और मधु देवी झाबक सहित अनेक विशिष्ट लोग मौजूद थे। सभी ने मिलकर इस विद्यालय को क्षेत्र के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र बनाने की इच्छा जताई और भामाशाह भीखमचंद पुगलिया तथा जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा का आभार प्रकट किया।