बारिश की बेरुखी से किसानों में बढ़ी चिंता, फसलों पर संकट गहराया, मौसम विभाग ने दी राहत की उम्मीद
समाचार गढ़, 11 अगस्त 2025, श्रीडूंगरगढ़। (गौरीशंकर तावनिया की रिपोर्ट)।
अगस्त के पहले दस दिन बीतने के बाद भी बारिश की बूंदें खेतों से दूरी बनाए हुए हैं। बरसात की इस बेरुखी ने किसानों की धड़कनें तेज कर दी हैं। खेतों में लहलहाती फसलें दोपहर की धूप में मुरझाने लगी हैं और किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।
किसानों का कहना है कि इस बार शुरुआती बारिश ने उम्मीदें जगाई थीं और खेतों में अच्छी फसलें खड़ी थीं, लेकिन पिछले कई दिनों से बारिश न होने के कारण अब फसलें सूखने लगी हैं। किसानों को डर है कि अगर कुछ दिन और आसमान ने मेहरबानी नहीं की तो मेहनत और उम्मीद दोनों पर पानी फिर जाएगा।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
हालांकि, मौसम विभाग ने राहत भरी उम्मीद जताई है। विभाग के अनुसार 15 अगस्त से हवा का रुख बदलेगा और बरसात का दौर शुरू होगा, जो 22 अगस्त तक जारी रह सकता है। इस समय फसलों को पानी की सख्त जरूरत है, क्योंकि बरसात के अभाव में बारानी ही नहीं बल्कि सिंचित फसलें भी दम तोड़ने की कगार पर हैं।
बिजली संकट ने बढ़ाई मुश्किलें
बरसात की कमी के साथ-साथ अघोषित बिजली कटौती ने किसानों की परेशानियां दोगुनी कर दी हैं। ग्रामीणों के अनुसार, दिन में बार-बार बिजली कटने से न तो सिंचाई सही ढंग से हो पा रही है और न ही फसलें संभल पा रही हैं। किसानों का कहना है कि यह स्थिति “कोढ़ में खाज” साबित हो रही है।












