दिनांक 09 -04 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
गुड़ का हलवा खाने से बढ़ता है मान- सम्मान जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 09/04/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – वसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- तृतीया प्रातः 09:32 . बजे उपरांत चतुर्थी
* वार- रविवार
* नक्षत्र – विशाखा दोपहर 13:57 बजे उपरांत अनुराधा
* योग- 1 सिद्ध – रात्रि 22:10:12 बजे उपरांत 2 साध्य
करण-1* विष्टि (भद्रा)- 09:32:12 A.m. 2 बव- 21:03:12 P.M. उपरांत 3 बालव- –
* चंद्र राशि – तुला प्रातः 07:58 बजे उपरांत वृश्चिक
चंद्र बल – मेष, वृषभ,मिथुन, सिंह, कन्या,तुला,धनु, मकर,कुंभ प्रातः 07:58 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 06:21 A.M. सूर्यास्त – 06:50 P.M.
दिनमान – 12:29
रात्रिमान – 11:30 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:11:30 बजे से 12:59:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:35:30 से 02:09:07 बजे तक
2. रात्रि 02:01:15 से 03:27:30 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 06:21 से 07:54:37 तक
2.चंचल-प्रातः 07:54:37 से 09:28:15 तक
3.लाभ-प्रातः09:28:15 से 11:01:52 तक
4.अमृत-प्रातः 11:01:52 से 12:35:30 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:35:30 से 02:09:07 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:09:07 से 03:42:45 तक
7.रोग-सायं 03:42:45 से 05:16:22 तक
8.उद्वेग-सायं 05:16:22 से 06:50 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 06:50 से 08:16:15 तक
2.अमृत -रात्रि 08:16:15 से 09:42:30 तक
3.चंचल-रात्रि 09:42:30 से 11:08:45 तक
4.रोग-रात्रि 11:08:45 से 12:35:00 तक
5.काल-रात्रि 12:35:00 से 02:01:15 तक
6.लाभ-रात्रि 02:01:15से 03:27:30 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:27:30 से 04:53:45 तक
8.शुभ-रात्रि 04:53:45 से 06:20 तक
विशेष- वैशाखी चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 22:10 बजे
वार विशेष- सूर्य को नवग्रहों में राजा का पद प्राप्त है। जन्म कुंडली में स्थित प्रबल सूर्य मान- सम्मान, तेज, पद, प्रतिष्ठा आदि प्रदान करता है। किंतु जन्म कुंडली में कमजोर सूर्य इन विषयों में विपरीत परिणाम प्रदान करता है। अतः सूर्य को प्रबल बनाने के लिए रविवार को भोजन में गुड़ का हलवा अवश्य ग्रहण करना चाहिए।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721