
समाचार गढ़, 30 मार्च, श्रीडूंगरगढ़। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान की श्रीडूंगरगढ़ इकाई ने भारतीय नववर्ष के अवसर पर एक विशेष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, समाज और राष्ट्र के महत्व पर चर्चा करना था, जिसमें विभिन्न प्रमुख कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय सभ्यता की समृद्धि और एकता का संदेश दिया।

काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती उमा मित्तल, उपखण्ड अधिकारी, श्रीडूंगरगढ़ ने शिरकत की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मेघना शर्मा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर ने की। विशिष्ट अतिथि डॉ. महावीर पंवार, शिक्षाविद्, श्रीडूंगरगढ़ थे। इस दौरान विद्या मंदिर से आसाराम पारीक भी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन छैलू चारण “छैल” ने किया।

काव्य गोष्ठी में कई सम्मानित कवियों ने अपनी काव्य रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। इनमें श्रीमती कृष्णा आचार्य, श्रीमती बसंती हर्ष, राजाराम स्वर्णकार, श्रीमती सरोज शर्मा, सहदेव चारण, सुश्री सपना मीणा, सीताराम “सितारा”, सुश्री मनसा सोनी, राजू शर्मा और कमल जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।

कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों ने भारतीय संस्कृति और राष्ट्र के प्रति अपने योगदान को समझा और महसूस किया। इस दौरान सेवा भारती के छात्र-छात्राएं, एवं आदर्श विद्या मंदिर के आचार्य-आचार्या भी मौजूद रहे। आयोजन के समापन पर भगवती पारीक “मनु” ने सभी का आभार व्यक्त किया और इस सफलता को परिषद् की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। इस कार्यक्रम ने न केवल काव्य साहित्य के प्रति लोगों की रुचि को बढ़ाया, बल्कि भारतीय नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ संस्कृति और समाज के प्रति एक नई जागरूकता भी उत्पन्न की।
