सेसोमूं स्कूल में 25वाँ वार्षिकोत्सव शानदार आयोजन के साथ सम्पन्न
‘चेतना – The Spark of Inner Wisdom’ थीम पर छात्रों ने मन मोहा
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। सेसोमूं स्कूल का 25वाँ वार्षिकोत्सव रविवार को अत्यन्त भव्यता और हर्षाेल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना, सरस्वती वंदना और मंगल दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ताराचंद सारस्वत, विधायक, श्रीडूंगरगढ़ ने अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करवाई, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में सरोज वीर पूनिया, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ), श्रीडूंगरगढ़ की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के आरंभ में वाइस चेयरपर्सन पद्मा मूंधड़ा ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों और अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए वेलकम स्पीच प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि ताराचंद सारस्वत ने विद्यालय की उत्कृष्ट शिक्षण पद्धति, अनुशासन और सांस्कृतिक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि ‘चेतना’ जैसी थीम छात्रों में आत्मबोध, सकारात्मक चिंतन और जीवन मूल्यों का विकास करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को पाश्चात्य संस्कृति के आकर्षण से दूर रहकर अच्छे संस्कार सीखने एवं अपनी प्रतिभा निखारने के लिए प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि सरोज वीर पूनिया ने विद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुशासन और विभिन्न गतिविधियों में छात्रों के प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि बच्चों को अनावश्यक मोबाइल न दें और उनके साथ अधिक से अधिक सार्थक समय बिताएँ।
इसके साथ ही विद्यालय के पूर्व छात्र एवं विशेष अतिथि बंग सुमंत, सहायक प्रबंधक (ग्राहक संबंध प्रबंधन), डेलॉइट, गुरुग्राम ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि सेसोमूं स्कूल में मिली मूल्य-आधारित शिक्षा और अनुशासन ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की दिशा प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया।
स्कूल के चेयरमैन जगदीश प्रसाद मूंधड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि ‘चेतना’ थीम का उद्देश्य बच्चों के भीतर निहित संवेदनशीलता, आत्म-चिंतन, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता को जागृत करना है। उन्होंने साइबर ठगी से सुरक्षित रहने हेतु सभी को सजग रहने की प्रेरणा भी दी।
प्राचार्य सुब्रत कुंडू ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने वर्ष भर में विद्यालय द्वारा प्राप्त शैक्षणिक, खेल एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विविध नृत्य, नाटक एवं विशेष प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत कीं, जिनमें- गणेश वंदना, सरस्वती वंदना, रामायण डांस ड्रामा, महारास, नृसिंह अवतार डांस ड्रामा, स्पिरिट ऑफ गरबा डांस, राजस्थानी लोकनृत्य, हिंदी नाटक, अंग्रेज़ी नाटक, मारवाड़ी नाटक, बॉन्ड ऑफ फ्रेंडशिप डांस, आर्मी एक्ट, ऑर्केस्ट्रा, कथक, योग डिस्प्ले, माइम एवं आकर्षक ग्रैंड फिनाले सहित विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। प्रत्येक प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उत्साहवर्धन किया। विशेष रूप से ‘नृसिंह अवतार’ डांस-ड्रामा की दिव्य एवं रोमांचक प्रस्तुति ने मंच पर ऐसा अलौकिक वातावरण रचा कि पूरा ऑडिटोरियम हॉल करतल ध्वनि से गुंजायमान हो उठा, वहीं हिंदी नाटक ‘मोबाइल में कैद जीवन’ की मार्मिक प्रस्तुति ने दर्शकों की अंतरात्मा को झकझोरकर चेतना का दीप प्रज्वलित किया और उन्हें आधुनिक जीवन की सच्चाइयों पर गहराई से सोचने को विवश कर दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। समापन अवसर पर एकेडमिक को-ऑर्डिनेटर फरियाद अली काजी ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक अजीतसिंह परिहार, सीईओ घनश्याम गौड़, रूपचंद सोनी, महावीर माली, सुभाषचंद्र शास्त्री, पवन कुमार मूंधड़ा, बालकराम शर्मा, मंजू ओला, बबीता सक्सेना, पलाश रॉय, डॉ. कृष्णा गहलोत, रामनिवास बेनिवाल, रामनिवास चौधरी, विमल भाटी, महेश राजोतिया, एडवोकेट राधेश्याम दर्जी, विशाल स्वामी, कोरियोग्राफर सुरभि भोजक, नंदिनी राजपुरोहित सहित समस्त विद्यालय स्टाफ एवं बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।























