शरीर की आंतरिक सफाई के लिए शंख प्रक्षालन रामबाण क्रिया : प्रदेश संरक्षक कालवा
समाचार गढ़, 24 मार्च 2024। श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के महाप्रज्ञ प्रेक्षा ध्यान सभागार भवन में आयोजित महिला योग शिविर में राजस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश संरक्षक योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने जानकारी देते हुए बताया। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में गलत आहार से पेट में होने वाले सैकड़ों रोगों का रामबाण उपाय है शंख प्रक्षालन यह एक क्लींजिंग योगाभ्यास है जो आपके टॉक्सिन्स , विषैले पदार्थ एवं अन्य बेकार तत्व से आपके शरीर को बचाता है । इस तरह से इस योग के अभ्यास करने से आप सेहतमंद ही नहीं रहते बल्के बहुत सारी बिमारियों से महफूज़ रहते हैं । शंख प्रक्षालन को वारिसार क्रिया भी कहते हैं । शंख प्रक्षालन के आसनों का अभ्यास यह तीन बार में दो – दो गिलास पीकर बीच में पांच प्रकार के आसन करने होते हैं । एक बार दो गिलास पानी पीने के बाद ताड़ासन , तिर्यक ताड़ासन , कटिचक्रासन , तिर्यक भुजंगासन तथा उदराकर्षणासन आदि का अभ्यास पूर्ण लाभ के लिए योग शिक्षक के दिशा निर्देशन में ही करना चाहिए। इस दौरान महिला योग शिक्षिका अनीता पालीवाल, बाल योगी योगिता कालवा ने आसनों का प्रदर्शन किया। कस्बे की गणमान्य नारी शक्ति पूजा राठी, अंकिता राठी, कुसुम मूंधड़ा, किरण डागा, संजू तापड़िया, पुष्पा मीणा, पुष्पा जांगिड़, दीपिका सुखीजा, विनीता मारू, रिंकू सैन, रिद्धि कुमारी सभी ने संस्थान व योग शिक्षक ओम कालवा का आभार जताया।