समाचार गढ़, बीकानेर | 7 जुलाई 2025
रविंद्र रंगमंच पर गूंजे सफलता के गीत, 700 से अधिक मेधावियों का हुआ सम्मान
बीकानेर में रविवार शाम एक यादगार क्षण उस समय बना, जब रविंद्र रंगमंच पर आयोजित “आयुष्मान प्रेरणा उत्सव 2025” में 700 से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। यह समारोह उन विद्यार्थियों के नाम रहा जिन्होंने 10वीं, 12वीं, नीट व जेईई जैसी कठिन परीक्षाओं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित कर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।
इस भव्य आयोजन के सूत्रधार रहे आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के निदेशक व वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बी.एल. स्वामी, जिन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के बल पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। डॉ. स्वामी ने कहा, “सम्मान सिर्फ उपलब्धि का नहीं, बल्कि आगे बढ़ने की प्रेरणा और जिम्मेदारी का प्रतीक होता है।” उन्होंने सभी विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का हार्दिक स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया।
विशिष्ट अतिथि बीकानेर प्रेस क्लब के महासचिव विशाल स्वामी ने जीवन के गहरे पहलुओं पर विचार साझा करते हुए कहा, “अगर कोई डॉक्टर बड़े शहरों में नाम कमाए, लेकिन उसके अपने गांव में इलाज के अभाव में उसके माता-पिता दम तोड़ दें, तो ऐसी सफलता का क्या मूल्य रह जाता है?” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया की आभासी दुनिया से बाहर निकलकर असल जीवन में रिश्तों व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें।
उन्होंने कहा, “आज लाखों सोशल मीडिया फॉलोअर्स होना आसान है, लेकिन जीवन में कठिन समय में एक भी सच्चा साथी न हो, तो ये आभासी लोकप्रियता व्यर्थ है। असली जीवन सोशल मीडिया की स्क्रीन पर नहीं, आपके आसपास के लोगों में है।”

इस अवसर पर लायन एक्सप्रेस के संस्थापक सदस्य बृजमोहन रामावत ने भी विद्यार्थियों और अभिभावकों से संवाद करते हुए कहा कि जीवन में सफलता तभी सार्थक है जब उसमें संतुलन हो। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपनी अधूरी इच्छाओं को बच्चों पर न थोपें, बल्कि उन्हें उनकी रुचि के अनुरूप करियर चुनने दें।

कार्यक्रम में आरजे डीके ने प्रभावशाली संचालन किया, जिससे कार्यक्रम में ऊर्जा व उत्साह बना रहा। समारोह की समस्त व्यवस्थाएं आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर की टीम ने कुशलतापूर्वक संभाली।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ. बी.एल. स्वामी ने एक और अनूठी पहल करते हुए उपस्थित विद्यार्थियों व अभिभावकों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की प्रशिक्षण विधि सिखाई। उन्होंने डमी मॉडल की सहायता से आपात स्थिति में जीवन बचाने की व्यावहारिक जानकारी दी। इस दौरान अस्पताल का पूरा स्टाफ उपस्थित रहा और सहयोग प्रदान किया।
अभिभावकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को न केवल मज़बूत करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाते हैं।















