समाचारगढ़श्रीडूंगरगढ़ 4 सितंबर 2024। युगप्रधान आचार्य महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी संघ प्रभा जी ठाना 3 के सानिध्य में पर्वाधिराज पर्युषण का चौथा दिन मोमासर के तेरापंथ भवन में वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी संघ प्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा, “वाणी संसार की वह अद्भुत ताकत है जो उजड़े चमन को आबाद कर सकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि बिना सोचे समझे बोली गई वाणी महकते गुलिस्तां को बर्बाद कर सकती है। भाषा के विकास और उसके सम्यक उपयोग के बिना हम धार्मिक ग्रंथों और महापुरुषों की महानता को नहीं पहचान सकते।
साध्वी संघ प्रभा जी ने वाणी संयम की व्याख्या करते हुए भगवान महावीर के 27 पूर्व भवों का रोचक वर्णन किया। उन्होंने नयसार के भव में प्रथम बार सम्मयक्तव प्राप्ति का प्रसंग भी सुनाया। साध्वी विधि प्रभा जी ने वाणी संयम के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वाणी व्यक्ति के चरित्र की पहचान होती है और किसी का अनादर करने वाले शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साध्वी प्रांशु प्रभा ने अपने सुमधुर स्वरों में गीत गाते हुए कहा कि मधुर भाषी व्यक्ति जग को अपना बना सकता है।
इस अवसर पर साध्वी वृंद के ओजस्वी प्रवचनों और गीतों ने श्रावक समाज को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में आडसर और मोमासर के श्रावक समाज की विशेष उपस्थिति रही।