कातरे का कहर! समन्दसर की रोही में फसल चट, किसानों की बढ़ी चिंता
समाचार गढ़, 16 जुलाई 2025, श्रीडूंगरगढ़। खरीफ सीजन में दलहनी व अन्य फसलों पर कातरे के प्रकोप ने किसानों की नींद उड़ा दी है। इन दिनों क्षेत्र के कई खेतों में यह कीट पूरी फसल को चट कर रहा है। किसान बताते हैं कि यह कीट पत्तों से लेकर पूरी फसल का सफाया कर देता है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
समन्दसर गांव के किसान मनोज शर्मा ने बताया कि उनकी रोही स्थित खेत में कातरे के हमले ने पूरी फसल को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा, “कातरे ने खेत को ऐसे साफ किया जैसे कभी फसल थी ही नहीं।” उनके अनुसार, उनके खेत के साथ-साथ उतराद दिशा के कई अन्य खेतों में भी यही हाल है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कातरा कीट का वैज्ञानिक नाम एमसेक्टा मूरी (Amsacta moorei) है और यह खरीफ फसलों जैसे बाजरा, ज्वार, मूंग, ग्वार, तिल और सनई को नुकसान पहुंचाता है। यह कीट उत्तरी भारत में विशेष रूप से पाया जाता है।
कैसे फैलता है कातरा कीट?
मानसून की बारिश होते ही यह कीट जमीन से निकलता है। इसकी लट वाली अवस्था ही फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
नियंत्रण के उपाय:
✔ पतंगों को नष्ट करें: खेतों की मेड़ों, चरागाहों व खेतों में गैस लालटेन या बिजली का बल्ब जलाकर नीचे मिट्टी के तेल मिले पानी की परात रखें। पतंगे रोशनी पर आकर्षित होकर पानी में गिरकर नष्ट हो जाते हैं।
✔ खेतों में घास-कचरा जलाएं: इससे पतंगें नष्ट हो जाती हैं।
✔ दवा का भुरकाव करें: क्यूनॉलफॉस 1.5%, मैलाथियान 5% या फैनवेलरेट 0.4% चूर्ण का 25 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से भुरकाव करें।
✔ खाइयां खोदें: खेतों के चारों ओर खाइयां बनाकर उनमें दवा डालें ताकि लटें खाई में ही नष्ट हो जाएं।
✔ छिड़काव करें: जहां पानी उपलब्ध हो वहां क्यूनॉलफॉस 25 ईसी 625 मिलीलीटर या क्लोरपायरफॉस 20 ईसी 1 लीटर प्रति हैक्टेयर का छिड़काव करें।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय पर समन्वित कीट प्रबंधन अपनाएं, ताकि फसलों को भारी नुकसान से बचाया जा सके। बता दें कि इन उपायों को करने से पहले कृषि अधिकारी की सलाह भी लें .












