समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। भागवत कथा सदा ई सुणनजोग हुवै। मिनखा जूण खातर कर्म काटणवाळी डिटर्जेंट है, आ कथा। ऐ उद्गार सोमवार रा काळूबास रै नेहरू पार्क में नव दिवसीय भागवत कथा सुणावतां थकां ब्रहमचारी संत शिवेन्द्र स्वरूप परगट करया।
ऋषिकेश रैवासी विरक्त संत मनोहारी ढंग सूं राजस्थानी भाषा में कथा पोळावतां थकां कैयो कै मिनखादेही दुरलभ कहीजै। इण दुरलभ देही में भागवत सुलभ मुगति साधन है। भागवत री कथा पूर्णतया वैग्यानिक है अर आ आत्मविश्लेषण री कथा है। काळूबास में इण कथा रो आयोजन गिरधारीलाल मुकेशकुमार पुरोहित करवायो है।
कथा सूं पैली दिनुगै नौ बजी पारासर मिंदर सूं एक विशाल अर भव्य कळस-जात्रा सज्योड़ा ऊंटां, घोड़ा अर रथ सागै सैकड़ूं नर नारी री निकळी अर बजार सूं होवती नेहरू पार्क तांईं पूगी। आखै रस्तै कळस जात्रा माथै पुसब बिरखा होवती रैयी।
संन्यासी शिवेन्द्र स्वरूप भागवत कथा रो माहात्म्य सुणावतां कैयो कै भागवत नाम किणी वाग्विलास भर रो नीं है। जीव नै जित्तै तांई आतमबोध हासल नीं होवै, उणनै भगवान रो ग्यान होवै कोनी। आतमबोध रै खातर तीन बातां जाणनी पड़ै। म्हैं कुण हूं? म्हैं कठै सूं आयो हूं? अर कठै जावणो है? इण खोज सूं आत्म जागृति हुवै। संतां भक्ति, ज्ञान, वैराग्य री कथा अर आत्मदेव री कथा आज पैलै दिन सुणाई।
संत कैयो कै- परमात्मा सत् चित्त आनंद स्वरूप है। कळजुग में दैहिक, दैविक, भौतिक ताप भगति कांनी उन्मुख कोनी होवण देवै। भौतिक ताप में अबार मोबाइल मोटो ताप बण’र उभर रैयो है। इण रै आकर्षण सूं टाबरां नै बचावणो ओखो है।
भागवत कथा रै पैलड़ै ई दिन श्रोतावां री भारी उपस्थिति रैयी। इण संगीतमय कथा नै सुणन वास्तै दूजा गांवां सूं भी घणा श्रोता पधारया। आयोजन रो संचालण डाॅ चेतन स्वामी करयो। रात रा आठ सूं दस बजी तांई संगीत संध्या रो आयोजन नव दिनां तांई रैसी।
नेहरू पार्क में आयोजित भागवत कथा का विश्राम, भागवत समझावै- गृहस्थ में कियां रैवणो चाइजै- संत शिवेन्द्रजी
समाचार गढ़, 22 दिसम्बर, श्रीडूंगरगढ़। कालूबास में स्व. श्री मोहनलाल सोनी (माहेश्वरी) के संतति द्वारा नेहरूपार्क में आयोज्य श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम समारोह- पूर्वक हुआ। भागवतजी को गाजे –…