दिनांक 01-05-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज के कर्म से मिलेगा हजार गौदान का फल जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 01/05 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- एकादशी रात्रि 22:06 बजे उपरांत द्वादशी
* वार- सोमवार
* नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी सायं 17:48 बजे उपरांत उत्तराफाल्गुनी
* योग- ध्रुव प्रातः 11:41 बजे उपरांत व्याघात
- करण- 1 वणिज -09:19:48 A.M. 2 विष्टि (भद्रा) – 22:06 P.M. .3 बव-
चंद्र राशि सिंह रात्रि 24:18 बजे उपरांत कन्या
चंद्र बल– मेष,मिथुन,कर्क, सिंह, तुला,वृश्चिक, धनु, कुंभ,मीन रात्रि 24:18 बजे उपरांत मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय -06:01 A.M. सूर्यास्त – 07:02 P.M.
दिनमान – 13:01
रात्रिमान – 10:58 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:07:30 बजे से 12:55:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 07:38:37 से 09:16:15 बजे तक
2. रात्रि 11:08:45 से 12:31:00 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.अमृत- प्रातः 06:01 से 07:38:37 तक
2.काल-प्रातः 07:38:37 से 09:16:15 (कालवेला निषेध)
3.शुभ-प्रातः 09:16:15 से 10:53:52 तक
4.रोग-प्रातः 10:53:52 से 12:31:30 तक
5.उद्वेग- दोपहर 12:31:30 से 02:09:07 तक
6.चंचल- दोपहर 02:09:07 से 03:46:45 तक
7.लाभ- सायं 03:46:45 से 05:24:22 तक (वारवेला निषेध)
8.अमृत-सायं 05:24:22 से 07:02 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.चंचल-रात्रि 07:02 से 08:24:15 तक
2.रोग-रात्रि 08:24:15 से 09:46:30 तक
3.काल-रात्रि 09:46:30 से 11:08:45 तक
4.लाभ-रात्रि 11:08:45 से 12:31:00 तक (काल वेला निषेध)
5.उद्वेग-रात्रि 12:31:00 से 01:53:15 तक
6.शुभ-रात्रि 01:53:15 से 03:15:30 तक
7.अमृत-रात्रि 03:15:30 से 04:37:45 तक
8.चंचल-रात्रि 04:37:45 से 06:00:00 तक
विशेष– मोहिनी एकादशी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने मोहिनी एकादशी के दिन मोहिनी अवतार लिया था अतः इस दिन भगवान विष्णु का पूजन एवं उपवास करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधिपूर्वक व्रत एवं कथा श्रवण करने से एक हजार गोदान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721