राजस्थान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोमवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग और सेंटर फॉर रिसर्च इन स्कीम्स एंड पॉलिसीस (क्रिस्प) के बीच एक समझौता पत्र(एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए। इस एमओयू में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, उद्योगों आदि की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विश्वस्तरीय रोजगारोन्मुखी कौशल शिक्षा को जोड़ा गया है।
आएगा सकारात्मक परिवर्तन- सुबीर कुमार
राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार और क्रिस्प की तरफ से आर. सुब्रमण्यम ने उक्त एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर सुबीर कुमार ने कहा कि इस कदम से प्रदेश में छात्रों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा और वे वैश्विक और औद्योगिक मांग के अनुरूप कौशल में परिपूर्ण हो पायेंगे।
देश-विदेश में मिल सकेगा रोजगार
इससे पूर्व क्रिस्प की ओर से आर. सुब्रमण्यम ने कहा कि क्रिस्प और राज्य सरकार मिलकर राजस्थान के विद्यार्थियों को डिग्री के साथ ही स्थानीय शैक्षणिक संस्थाओं में व्यावसायिक शिक्षा में कुशल करेगी। इससे युवाओं को देश-विदेश में रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त हो सकेगे।
इन कोर्सों पर विशेष ध्यान
इस एमओयू के जरिये टूरिज्म, बैंकिंग एंड फाइनेंस, हेल्थकेयर एंड हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, लाइफ साइंस, लोजिस्टिक आदि क्षेत्रों के कोर्स और प्रशिक्षण को राज्य के महाविद्यालयों में डिग्री पाठ्यक्रमों के साथ समेकित किया जायेगा। यह सभी पाठ्यक्रम राज्य सरकार द्वारा चिन्हित विभिन्न महाविद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित हैं।
उल्लेखनीय है कि क्रिस्प एक गैर-सरकारी संस्था है जो भारत सरकार में सचिव पद पर रहें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयों द्वारा प्रारंभ की गई है। यह संस्था राज्य सरकारों के साथ कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साथ मिलकर कार्य करती है।