समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के उससे बड़े गांव मोमासर के एक 82 वर्षीय वृद्ध अशोक पटवारी ने अपने गांव की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजा है। इस पत्र में मोमासर गांव के संकट के बारे में व उसके समाधान के बारे में लिखा गया है। पत्र में लिखा गया है कि मोमासर गांव तहसील का सबसे बड़ा 20 हजार आबादी वाला गांव है। यह गांव अकाट्य संकट से ग्रस्ट है। इस गांव का दुभाग्य है कि यह सीधे तौर से न तो रेल मार्ग से और न ही किसी राष्ट्रीय या प्रांतीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। सिर्फ रेल सेवा से नहीं, वरन् उपयुक्त सड़कों के अभाव के कारण, रोडवेज बसों से भी वंचित है।
मोमासर गांव बीकानेर जिले का सबसे बड़ा कस्बा होने के साथ-साथ जिले का सिंचित कृषि बाहुल्य क्षेत्र का अति महत्व पूर्ण हिस्सा है। यह गांव कृषि उपज व अन्य व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र भी है। वर्तमान में विद्यमान यहां कि ग्रामीण सड़कें, यहां के परिवहन बोझ को वहन करने में सक्षम नहीं है, इसलिए आये दिन क्षतिग्रस्त ही बनी रहती है।
यह है मांग
वहीं पत्र में आगे लिखा गया है कि मोमासर ही नहीं, वरन् इस क्षेत्र की एक मात्र जीवनदायिनी 31 किलोमीटर लम्बी लिंक रोड, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-11 के जोरावरपुरा गांव से निकल कर वाया लाछड़सर, मोमासर होते हुए प्रांतीय राजमार्ग -06 के आड़सर गांव को जोड़ती है। इस 31 किलोमीटर के सम्पूर्ण सड़क खण्ड को राष्ट्रीय राजमार्ग-11 के हिस्से के रूप में क्रमोन्नत कर विकसित कर दिया जाय,तो इस क्षेत्र के अनेक गांव, जो मोमासर से ग्रामीण सड़क के माध्यम से जुड़े हैं, उनकी भी यातायात और परिवहन समस्या का सदा-सदा के लिए निराकरण हो जावेगा। इस सड़क खण्ड के क्रमोन्नत से सिर्फ मोमासर ही नहीं वरन् रतनगढ़, सरदारशहर और श्री डूंगरगढ़ तहसील के अनेक गांवों की परिवहन समस्या का स्थायी समाधान हो जावेगा तथा इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी होगा।
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