अब नहीं तो कभी नहीं — ट्रोमा सेंटर, शराबबंदी और मूल सुविधाओं की मांग पर गरजी जनता, चेतावनी सभा में आंदोलन की अगली तारीखें तय
समाचार गढ़, 3 जून 2025, श्रीडूंगरगढ़।
जनता जब हक़ की आवाज़ बुलंद करती है, तब हर सत्ता की नींव हिलती है। मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ उपखंड कार्यालय के सामने ऐसी ही चेतावनी सभा देखी गई, जहां जनसमूह ने एक स्वर में अपने अधिकारों की मांग करते हुए प्रशासन और सत्ता दोनों को कठघरे में खड़ा किया। गूंजते नारों, आक्रोशित भाषणों और नाराज़गी के बीच ट्रोमा सेंटर निर्माण, शराब की दुकानों को बंद करने, बिजली-पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने जैसी मूलभूत मांगों पर निर्णायक लड़ाई का ऐलान कर दिया गया।

दोपहर करीब 1 बजे शुरू हुई यह सभा महज़ एक विरोध कार्यक्रम नहीं बल्कि जनता की चेतावनी थी — कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन गांव-गांव तक फैलेगा। इसी क्रम में आगामी 9 जून को हर गांव में धरना और 16 जून को ‘ललकार रैली’ के आयोजन की घोषणा की गई।

सभा में पहुंचे पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया ने तीखा प्रहार करते हुए प्रशासन को गैरजिम्मेदार ठहराया और क्षेत्रीय विधायक पर उपमुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक गांव शराबबंदी की मांग कर रहा है, लेकिन प्रशासन कान में रूई डालकर बैठा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आबादी के बीच शराब की दुकानें खोलकर सामाजिक ताना-बाना तोड़ रही है।
कॉमरेड मंगेज चौधरी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जमकर हमला बोला और ट्रोमा सेंटर की मांग को नजरअंदाज किए जाने को मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता बताया। कॉमरेड छगन चौधरी ने भी अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से इस मांग को समर्थन देते हुए कहा कि यह संघर्ष अब थमेगा नहीं।

सभा के समापन से पहले उपस्थितजनों ने रैली निकालते हुए नारेबाजी की, जो धरना स्थल से घुमचक्कर तक पहुंची। प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग को कुछ समय के लिए अवरुद्ध भी किया और चेताया कि अब केवल आश्वासन नहीं, व्यवहारिक समाधान चाहिए।
इस बीच वार्ता के लिए जिला सीएमएचओ डॉ पुखराज साध, तहसीलदार कुलदीप मीणा, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ राजीव सोनी, उपजिला अस्पताल प्रभारी डॉ एसके बिहाणी और बिजली-पानी विभाग के अधिकारी तहसील कार्यालय पहुंचे। संघर्ष समिति की ओर से सभी मांगें रखी गईं, लेकिन ट्रोमा सेंटर को लेकर “गेंद जयपुर के पाले में है” जैसे जवाबों से लोग असंतुष्ट लौटे। वार्ता बेनतीजा रही।
सभा के अंत में आंदोलन की अगली रणनीति तय की गई। अब 9 जून को हर गांव की गुवाड़ में धरना और 16 जून को ‘ललकार रैली’ के रूप में शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा।
सभा में मंच पर मौजूद प्रमुख वक्ता व नेता रहे:
नारायणनाथ अभयसिंहपुरा (सभा अध्यक्ष), एडवोकेट श्याम आर्य, शेखर रेगर, मुखराम मेघवाल, मामराज गोदारा, मौला चुनगर, मामराज आंवला, मुखराम नैण, हरि सिखवाल, मुकेश सिद्ध, जेठाराम लाखुसर, सतुनाथ, प्रकाश गांधी, राजेन्द्र जाखड़।
वहीं सभा में शामिल होने वालों में शामिल थे:
पूर्व प्रधान भागूराम सहू, उपप्रधान प्रतिनिधि मालचंद नैण, सरपंच सुनील मलिक, हनुमान कूकणा, राधेश्याम जाखड़, श्रवण कुमार भामूं, राजेंद्र स्वामी, बीरबल पूनिया, अशोक शर्मा, पेमाराम नायक, मदनलाल प्रजापत, रामकिशन, भंवरलाल प्रजापत, एडवोकेट राजीव, लालनाथ, ताहिर काजी, रामनिवास बाना, प्रह्लाद भामूं, मघुराम वाल्मिकी सहित संघर्ष समिति के सदस्य और क्षेत्र के कई गांवों से आए सैकड़ों लोग।










