समाचार गढ़, 25 अक्टूबर 2025, श्रीडूंगरगढ़। एक ओर किसान मूंगफली की तुलाई के लिए कतारों में खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर सूखी जमीनों पर भी “सिंचित फसल” दिखाकर गिरदावरी चढ़ाई जा रही है। एशिया के सबसे बड़े मूंगफली ब्लॉक श्रीडूंगरगढ़ में यह फर्जीवाड़ा अब खुलकर सामने आ गया है। सवाल बड़ा है, जब खेतों में फसल नहीं, तो गिरदावरी कैसे?
दरअसल, किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एवं तुलाई में हो रही परेशानियों के चलते क्षेत्र में पाँच नए तुलाई केंद्र खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को भेजा गया था। सरकार ने किसानों के हित में इन केंद्रों की स्वीकृति भी दे दी। लेकिन जैसे ही व्यवस्था किसानों के हित में बनी, कुछ असामाजिक तत्वों ने इसमें गड़बड़ी का “बीज” बो दिया।
विधायक ताराचंद सारस्वत ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में जहाँ मूंगफली की फसल हुई ही नहीं, वहाँ गिरदावरी बना दी गई। उन्होंने कहा कि यह सीधा-सीधा किसानों के अधिकारों पर डाका है। विधायक ने कल ही कलेक्टर और एसडीएम से बातचीत कर जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी, “फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा, गिरदावरी में शामिल अधिकारी भी जिम्मेदारी से नहीं बच पाएंगे।”
सारस्वत ने किसानों से अपील की है कि वे तुलाई प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें, ताकि असली किसान ही अपने पसीने की कमाई का सही हक पा सकें।
अब देखना ये है कि श्रीडूंगरगढ़ में सूखी जमीनों पर उगी इस “गिरदावरी की फसल” काटने वालों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है — क्योंकि सवाल सिर्फ फसल का नहीं, ईमान की सिंचाई का है।










