समाचार गढ़, 21 जुलाई 2024। त्रिदिवसीय कार्यक्रम (भिक्षु जन्मोत्सव चातुर्मास व तेरापंथ स्थापना दिवस) तेरापंथ भवन मोमासर में आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषि शिष्या साध्वीश्री संघ प्रभाजी ठाणा- 3 के सानिध्य में आचार्य भिक्षु जन्मोत्सव, बोद्धि दिवस एवं चतुर्मासिक चतुर्दशी, तेरापंथ स्थापना दिवस को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण राकेश संचेती मंत्री अणुव्रत समिति मोमासर ने सुमधुर गीतिका से किया। साध्वी संघ प्रभाजी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा आचार्य भिक्षु के अवतरण का अर्थ है उस धर्म क्रांति का अवतरण जिसने तेरापंथ धर्म संघ के रूप में जन-जन को सत्य का आलोक दिया। उस आलोक का प्रथम सूर्योदय विक्रम संवत 1817 आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन केलवा मेवाड़ राजस्थान की अंधेरी ओरी में हुआ। जिसका मुख्य उद्देश्य था शुद्धाचार, शुद्ध विचार, मूलक संगठन की स्थापना। इसी कार्यक्रम में साध्वी विधि प्रभाजी ने कहा कि तेरापंथ की स्थापना सुविधाबाद को छोड़ शुद्ध शाध्वाचार के पालन के लिए हुई है इसी श्रृंखला में साध्वी प्रांशु प्रभाजी एवं साध्वी विधि प्रभाजी ने चतुर मासिक प्रेरणा गीत प्रस्तुत किय। इसी कड़ी में जगत पटावरी, राजेश लोहिया, सुमन बाफना, कंचन पटावरी आदि वक्ताओं ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान सोविंग इनफॉरमेशन एवं इंट्रोडक्शन कार्यक्रम की प्रस्तुति महिला मंडल, कन्या मंडल एवं ज्ञान शाला द्वारा शानदार एवं रोचक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का संचालन साध्वी प्रांशु प्रभाजी ने किया। कार्यक्रम में श्रावक समाज एवं गन्य मान्य व्यक्तियो की उपस्थिति रही।













