समाचार गढ़, 26 मई, बीकानेर। अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित उस्ता कला शिविर के समापन अवसर पर बोलते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष व्यंग्यकार प्रो. अजय जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कला हमें पहचान देती है। कला एक ऐसा माध्यम है जिससे हमें मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है। कला आपकी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व का नई ऊर्जा प्रदान करती है। डॉ. जोशी ने कहा कि जब हम किसी कला के जानकार होते है तो हमारा दायित्व बनता है कि उस कला को समाज में प्रसारित करें, नई-नई प्रतिभाओं को तराशे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्राचार्य डूंगर महाविद्यालय इन्द्रसिंह राजपुरोहित ने कहा कि कला ऐसा क्षेत्र है जो आपके जीवन में सभी जगहों पर काम आयेगी। आप कला से इतर होकर जीवन नहीं चला सकते। कला वह माध्यम है जो कागज से आरम्भ होती है और आपके जीवन तक पहुंचती है। और जिस कला से आप जुड़ते है, उस कला का असर आपके व्यक्तित्व में साफ तौर से देखने को मिलता है।
विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध उस्ता कलाकार जमील उस्ता ने कहा कि आप किसी भी कला से जुड़े हमें उस कला के प्रति धैर्य एवं साधना से कार्य करना पड़ता है। जीमल उस्ता ने कहा कि हमें करत-करत अभ्यास वाली पंक्ति को आत्मसात करते हुए निरन्तर आगे बढ़ना चाहिए तभी हम कला के प्रति न्याय कर सकते है।
शिविर के मुख्य संदर्भ व्यक्ति सुप्रसिद्ध उस्ता कलाकार मो. हनीफ उस्ता ने कहा कि वर्तमान समय में कलाकारों को कला के लिए सचेत होना होगा। उनको अपनी कला के प्रदर्शन हेतु नए आयामो की तलाश करनी होगी तथा उसमें सरकार एवं प्रशासन से सहयोग हेतु भागीदारी भी तय करनी होगी। मो. हनीफ उस्ता ने कहा कि बीकानेर ऐसा शहर है जिसमें उस्ता कला के अलावा भी कई अन्य कलाओं के सिद्धहस्त कलाकार है उनको भी एक मंच पर लाना होगा।
कार्यक्रम के दौरान अजित फाउण्डेशन के द्वारा मो. हनीफ उस्ता का सम्मान किया गया। उनको प्रषस्ति-पत्र एवं संस्थागत प्रकाषन भेंट किया।
संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने बताया कि मो. हनीफ उस्ता ने बहुत ही संजीदा, सादगी एवं पूरी तन्मयता से शिविर में प्रतिभागियों को उस्ता कला के बारे में सीखाया। इस शिविर में भाग लेने वाले महाविद्यालयी स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए यह शिविर मील का पत्थर साबित होगा तथा यह कला उनके जीवन को और निखारेगी। शिविर में 25 प्रतिभागियों ने बढ़चढ कर हिस्सा लिया। तथा शिविर में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी चश्पा की गई।
संजय श्रीमाली ने बताया कि दिनांक 30 मई 2024, सायं 5ः30 बजे से चित्रकला शिविर सुप्रसिद्ध चित्रकार सन्नू जी हर्ष के सान्निध्य में संस्था सभागार में संचालित होगा। शिविर में सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग ले सकते है।