समाचार गढ़, 14 अक्टूबर, श्रीडूंगरगढ़। क्षेत्र की जनता लंबे समय से ट्रॉमा सेंटर और 100 बेड के उप जिला अस्पताल के निर्माण का इंतजार कर रही है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण अभी तक इस परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों ने अब इस देरी के खिलाफ रोष जताते हुए 15 अक्टूबर, मंगलवार को उपखंड कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है आज ट्रॉमा सेंटर संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय नागरिकों ने श्रीडूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की मांग की गई। समिति ने स्पष्ट किया कि मंगलवार सुबह 10 बजे धरना शुरू किया जाएगा और फिर भी काम शुरू नहीं होता है तो भूख हड़ताल भी शुरू की जाएगी।
आमजन की लंबे समय से मांग, एक्सीडेंट से बढ़ती मौतों पर चिंता
समाचार गढ़। वर्ष 2023 में पूर्ववर्ती सरकार ने श्रीडूंगरगढ़ में बढ़ते सड़क हादसों और जनता की मांग को देखते हुए ट्रॉमा सेंटर और 100 बेड का उप जिला अस्पताल स्वीकृत किया था। नगरपालिका ने अस्पताल के निर्माण के लिए विवादित 7 बीघा भूमि का स्वास्थ विभाग के नाम पट्टा भी जारी कर दिया था। भामाशाह बाहेती और चाण्डक परिवार ने भवन निर्माण के लिए सरकार के साथ एमओयू किया था, और भूमि पूजन भी संपन्न हो चुका है।
हर साल 500 से 600 हादसे, घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलने से बढ़ी मौतें
समाचार गढ़। समिति सदस्यों का कहना है कि श्रीडूंगरगढ़ में हर साल 500 से 600 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें से अधिकांश घायलों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता। नतीजतन, करीब 60 से 70 प्रतिशत घायलों की जान चली जाती है। पिछले एक साल में भी कई दुर्घटनाओं में लोग असमय मौत के शिकार हुए हैं, जिससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश है।
निर्माण में देरी पर गुस्से में जनता, प्रशासन को चेतावनी
परियोजना के स्वीकृत होने के बावजूद अब तक कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। संघर्ष समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि तुरंत निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए नहीं तो जनता मजबूरन बड़ा आंदोलन और भूख हड़ताल का सहारा लेगी। धरने की घोषणा करते हुए समिति ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। जनता की यह पहल क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर लंबे समय से उपेक्षित जरूरतों को उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस चेतावनी पर क्या कदम उठाता है और जनता को राहत देने के लिए कब निर्माण कार्य शुरू किया जाता है।