
समाचार गढ़, 21 मार्च, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ में न्यायिक ढांचे को सशक्त बनाने और लंबित मामलों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने की दिशा में अब प्रयास और तेज़ हो गए हैं। क्षेत्रीय विधायक ताराचंद सारस्वत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग का नया न्यायालय खोलने तथा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के लिए न्यायालय भवन और पीठासीन अधिकारी के आवास के निर्माण की माँग की है।
विधायक ने पत्र में बताया कि श्रीडूंगरगढ़ न्यायालय में वर्तमान में 789 सिविल एवं 2914 फौजदारी प्रकरण लम्बित हैं, जिससे न्याय मिलने में अत्यधिक विलंब हो रहा है। उन्होंने इसे आमजन के न्याय अधिकार में बड़ी बाधा बताया और कहा कि न्यायिक संरचना का विस्तार अब समय की माँग बन चुका है।
उन्होंने इस मांग को जनहित से जुड़ा बताते हुए न्यायालय भवन और पीठासीन अधिकारी के आवास की शीघ्र स्वीकृति देने का आग्रह किया है। सारस्वत ने विधि एवं न्याय मंत्री जोगाराम पटेल को भी इस संबंध में पत्र भेजा है, जिससे विभागीय स्तर पर शीघ्र कार्रवाई हो सके।
इससे पहले अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बार अध्यक्ष सत्यनारायण प्रजापत व शहर अध्यक्ष राधेश्याम दर्जी के नेतृत्व में विधायक से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र में नया मुंसिफ कोर्ट खोलने की पुरजोर मांग की थी, जिस पर विधायक ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए आश्वासन दिया था।
विधायक की इस पहल पर अधिवक्ता संघ के वकीलों ने आभार जताया और कहा कि लंबे समय से चली आ रही इस मांग को लेकर अब ठोस पहल शुरू हुई है। बार संघ के पदाधिकारी लगातार इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और जल्द ही श्रीडूंगरगढ़ को न्यायिक सुविधाओं का विस्तार मिलने की उम्मीद है।